हरियाणा

सोम नदी के तटबंध टूटने से 15 गांवों में घूसा पानी, 1 किसान की मौत

सोमवार, 12 अगस्त 2024, हिमाचल प्रदेश के सिरमौर में बादल फटने के बाद सोम नदी और नकटी नदी में अचानक भारी जलस्तर बढ़ गया। सोम नदी में अब तक का सबसे अधिक 24 हजार क्यूसेक पानी बहने से हरियाणा के साढौरा और उसके आसपास के 15 से अधिक गांवों में तबाही मच गई। इस जल प्रलय ने कई हजार एकड़ में फैली फसलों को भी अपनी चपेट में ले लिया, जिससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। साढौरा की गलियों में पांच फीट तक पानी भर गया, जिससे घरों में रखा सामान खराब हो गया और लोगों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ा।

सोम नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि होने से चिंतपुर के एक 34 वर्षीय किसान सतपाल की डूबने से मौत हो गई। सतपाल खेतों में काम करने गया था, लेकिन जल प्रवाह इतना तेज़ था कि वह उसमें बह गया। एनडीआरएफ की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद उसके शव को बरामद किया। सतपाल की मौत से उसके परिवार में गहरा शोक व्याप्त है, वहीं गांव में भी मातम का माहौल है।

प्रभावित गांवों में पानी भरने से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। साढौरा कस्बे में पांच फीट तक पानी जमा हो गया है, जिससे प्रशासन को रेस्क्यू अभियान चलाना पड़ा। हालांकि, राहत कार्यों में देरी और प्रशासन की ओर से पर्याप्त मदद नहीं मिलने के कारण स्थानीय लोग नाराज हैं। कई जगहों पर ग्रामीणों ने अपनी नाराजगी जाहिर की और प्रशासन पर आरोप लगाए कि बाढ़ के संभावित खतरे को देखते हुए पहले से कोई तैयारी नहीं की गई थी।

सोम नदी के तटबंध टूटने से आसपास के कई गांवों में पानी घुस गया, जिससे फसलें बर्बाद हो गईं। किसानों का कहना है कि सिंचाई विभाग द्वारा समय पर तटबंधों की मरम्मत न करने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। कुछ किसानों ने आरोप लगाया कि जहां तटबंधों की आवश्यकता थी, वहां काम नहीं किया गया, जबकि जहां जरूरत नहीं थी, वहां तटबंध बनाए गए।

इस प्राकृतिक आपदा के बाद ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा है। उनका कहना है कि सिंचाई विभाग की लापरवाही के कारण उनकी हजारों एकड़ फसलें बर्बाद हो गई हैं। मलिकपुर बांगर, रूकाली और बसातियावालां जैसे गांवों के किसानों ने लंबे समय से अवैध तटबंधों को हटाने की मांग की थी, लेकिन इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। यह मामला कष्ट निवारण समिति की बैठक में भी पहुंचा था, लेकिन अधिकारियों ने इसे नजरअंदाज कर दिया।

कुछ किसानों ने अपनी पहल पर अवैध तटबंधों को हटाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें बीच में ही रोक दिया गया। किसानों का कहना है कि एक किसान की दो एकड़ फसल बचाने के चक्कर में हजारों एकड़ फसल खराब हो रही है।

सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता आरएस मित्तल ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के सिरमौर में बादल फटने के कारण सोम नदी में इतना अधिक पानी आ गया है। यह पानी लगातार बह रहा है, जिससे फसलें और गांव प्रभावित हुए हैं। इस समय पानी का बहाव इतना तेज है कि हालात को नियंत्रित करना मुश्किल हो रहा है।

सरकार और प्रशासन की ओर से राहत कार्य शुरू कर दिए गए हैं, लेकिन प्रभावित ग्रामीणों का कहना है कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए यह प्रयास नाकाफी हैं। लोग अपनी सुरक्षा के लिए खुद ही कदम उठा रहे हैं और एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं। इस प्राकृतिक आपदा ने एक बार फिर से सरकार और प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

अभी तक मौसम विभाग ने आगामी दिनों में और बारिश की चेतावनी दी है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है। ग्रामीणों ने सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी आपदाओं से बचा जा सके।

Jiya

जिया सिंह, एक अनुभवी हिंदी समाचार लेखक हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में करीब 5 साल का एक्सपीरिएंस है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक ऑनलाइन समाचार वेबसाइट से की थी, जहां उन्होंने हिंदी समाचार और बिजनेस समेत कई सेक्शन में काम किया। इन्हें टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और बिजनेस से जुड़ी न्यूज लिखना, पढ़ना काफी पसंद है। इन्होंने इन सभी सेक्शन को बड़े पैमाने पर कवर किया है और पाठकों लिए बेहद शानदर रिपोर्ट पेश की हैं। जिया सिंह, पिछले 1 साल से लोकल हरियाणा पर पाठकों तक सही व स्टीक जानकारी पहुंचाने का प्रयास कर रही है।

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