हरियाणा के जींद में किसानों की महापंचायत का आयोजन किया गया। इस महापंचायत में लाखों किसान शामिल होने के लिए पहुंचे। यह महापंचायत उचाना की अतिरिक्त कपास मंडी में सुबह 10 बजे से शुरू हुई। किसानों का मुख्य मुद्दा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी कानून है।हरियाणा सरकार ने इस महापंचायत को रोकने के लिए कई प्रयास किए। पुलिस ने पंजाब-हरियाणा बॉर्डर को सील कर दिया। कई स्थानों पर बैरिकेडिंग की गई। इसके बावजूद, किसान संगठनों ने अपनी एकजुटता दिखाई और महापंचायत में भाग लेने के लिए आगे बढ़े।
Main Points
किसानों की एकजुटता
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि यह महापंचायत किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए है। उन्होंने हरियाणा प्रशासन से अपील की कि किसानों को रोकने की कोशिश न की जाए। किसानों का कहना है कि यह केवल उनकी आजीविका का सवाल नहीं है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य का भी सवाल है।महापंचायत में शामिल होने वाले किसानों ने नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि जब तक MSP की गारंटी नहीं मिलेगी, तब तक वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।
पुलिस की तैयारी
पुलिस ने महापंचायत के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए। कैथल में पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर सीमेंट की बैरिकेडिंग की गई। पुलिस ने कहा कि यह कदम सुरक्षा कारणों से उठाया गया है।हालांकि, किसानों ने इस कार्रवाई का विरोध किया। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है।
महापंचायत का महत्व
यह महापंचायत किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। यहां पर किसान अपनी समस्याओं को साझा कर रहे हैं। साथ ही, वे सरकार से अपनी मांगें भी रख रहे हैं।किसानों का कहना है कि वे अपनी आवाज को उठाने के लिए एकजुट हैं। इस महापंचायत के माध्यम से वे यह संदेश देना चाहते हैं कि वे किसी भी स्थिति में पीछे नहीं हटेंगे।
मीडिया की प्रतिक्रिया
महापंचायत की कवरेज के लिए कई मीडिया संस्थान मौजूद थे। उन्होंने किसानों की एकजुटता और उनकी मांगों को प्रमुखता से कवर किया।मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस महापंचायत में किसानों की संख्या लाखों में थी। यह दिखाता है कि किसान मुद्दों के प्रति कितने गंभीर हैं।
आगे की योजना
किसान संगठनों ने यह भी घोषणा की है कि यदि उनकी मांगों का समाधान नहीं किया गया, तो वे आगे भी बड़े आंदोलन करेंगे।किसान नेता ने कहा कि यह महापंचायत केवल एक शुरुआत है। वे आने वाले दिनों में और भी बड़े कार्यक्रम आयोजित करेंगे।इस महापंचायत ने हरियाणा की राजनीतिक स्थिति को भी प्रभावित किया है। आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए, यह महापंचायत राजनीतिक दलों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है।