Today Haryana Election News: हरियाणा में BJP उम्मीदवार ने नामांकन लिया वापस, जानिए क्या है वजह
भाजपा उम्मीदवार रोहताश जांगड़ा ने सिरसा विधानसभा सीट से अपना नामांकन वापस ले लिया है। यह निर्णय सोमवार, 16 सितंबर 2024 को भाजपा की एक गुप्त बैठक में लिया गया। भाजपा ने अब इस सीट पर हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP) के उम्मीदवार गोपाल कांडा को समर्थन देने का फैसला किया है। कांडा को पहले से ही इनेलो और बसपा का समर्थन प्राप्त है।रोहताश जांगड़ा ने कहा कि उन्होंने संगठन के आदेश पर नामांकन वापस लिया है और वे मिलकर कांग्रेस पार्टी को हराने का संकल्प लेते हैं।
Main Points
गोपाल कांडा का समर्थन
गोपाल कांडा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह अब भी NDA का हिस्सा हैं और चुनाव जीतने के बाद भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे। कांडा का परिवार हमेशा से RSS से जुड़ा रहा है। उनके पिता मुरलीधर कांडा 1952 में जनसंघ की टिकट पर डबवाली सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। कांडा ने यह भी कहा कि उन्होंने कभी भाजपा से कोई सीट नहीं मांगी और उनका बिना शर्त समझौता है।
चुनावी स्थिति
हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों के लिए 5 अक्टूबर को मतदान होगा और परिणाम 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। आज नामांकन वापस लेने का अंतिम दिन है। सिरसा में गोपाल कांडा के सामने कांग्रेस के गोकुल सेतिया उम्मीदवार हैं, जिन्होंने 2019 विधानसभा चुनाव में कांडा को कड़ी टक्कर दी थी।
भाजपा में बदलाव
इससे पहले भाजपा ने कुरुक्षेत्र की पिहोवा सीट से भी उम्मीदवार बदला था। यहां कवलदीप सिंह अजराना की जगह भाजपा ने जय भगवान शर्मा डीडी को टिकट दिया था।
कांडा का राजनीतिक सफर
गोपाल कांडा का राजनीतिक सफर 2000 के आसपास गुरुग्राम से शुरू हुआ। वे इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के करीबी रहे हैं। 2009 में कांडा ने सिरसा विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।कांडा ने कहा कि सिरसा के अंतर्गत आने वाले रानियां और ऐलनाबाद में हलोपा का जनाधार है। ऐलनाबाद उपचुनाव में उनके भाई गोबिंद कांडा को अच्छे वोट मिले थे।
भाजपा और हलोपा का गठबंधन
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गोपाल कांडा की हलोपा के साथ चुनावी गठबंधन की घोषणा की थी। कांडा ने कहा कि उनका परिवार हमेशा से भाजपा का समर्थन करता रहा है और वे इस बार भाजपा की सरकार बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
चुनावी रणनीति
कांडा ने भाजपा को 15 सीटों की मांग रखी थी, लेकिन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया था कि भाजपा हरियाणा में अकेले चुनाव लड़ेगी। कांडा ने धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात के बाद सोशल मीडिया पर तस्वीरें साझा की थीं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे भाजपा के साथ अपने संबंध मजबूत रखना चाहते हैं।
चुनावी माहौल
सिरसा विधानसभा सीट पर गोकुल सेतिया के साथ कांडा का मुकाबला कड़ा होगा। सेतिया ने 2019 में कांडा को महज 603 वोटों से हराया था।भाजपा के उम्मीदवारों के चयन में बगावत की स्थिति भी बनी थी, जिसके चलते पार्टी के नेता दिल्ली में बैठकें कर रहे थे।इस प्रकार, हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक माहौल गर्म है। भाजपा और उनके सहयोगियों के बीच गठबंधन और उम्मीदवारों के चयन में हो रही हलचल इस बात का संकेत है कि चुनावी लड़ाई कितनी कठिन होने वाली है।