हिमाचल में भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ से जनजीवन ठप, 128 सड़कें बंद
11 अगस्त 2024, रविवार को हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के चलते हालात और भी खराब हो गए हैं। लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है। बारिश के कारण राज्य के कई हिस्सों में भूस्खलन और बाढ़ की स्थिति बन गई है। इस कारण 128 सड़कों को बंद करना पड़ा है, जिससे यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, इस भारी बारिश के कारण 44 बिजली आपूर्ति और 67 जल आपूर्ति योजनाओं पर भी असर पड़ा है। मौसम विभाग ने शनिवार के लिए भारी से बहुत भारी बारिश के साथ आंधी और बिजली गिरने की संभावना को देखते हुए ‘ऑरेंज’ चेतावनी जारी की है। इसके साथ ही 16 अगस्त तक के लिए ‘येलो’ चेतावनी भी दी गई है, जिसमें भारी बारिश की संभावना है।
शुक्रवार शाम से सबसे ज्यादा बारिश सिरमौर जिले के नाहन में दर्ज की गई, जहां 168.3 मिमी बारिश हुई। इसके बाद सैंडहोल में 106.4 मिमी बारिश हुई। इसके अलावा नागरोटा सुरियां और जुब्बरहट्टी समेत अन्य क्षेत्रों में भी भारी बारिश हुई है। मौसम विभाग ने मंडी, सिरमौर, शिमला और कुल्लू जिलों में अलग-अलग स्थानों पर रविवार सुबह तक मध्यम से कम स्तर के फ्लैश फ्लड का जोखिम होने की चेतावनी दी है।
इस बीच, हमीरपुर जिले में ‘ऑरेंज’ अलर्ट को देखते हुए, उपायुक्त अमरजीत सिंह ने निवासियों से अपील की है कि वे नदियों, नालों और बुरे मौसम के दौरान पेड़ों के नीचे शरण लेने से बचें। राज्य में 27 जून से 9 अगस्त तक बारिश से संबंधित घटनाओं में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 842 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
भारी बारिश ने राज्य के कई क्षेत्रों में जलापूर्ति को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। पानी की कमी के कारण लोगों को पीने के पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। बिजली आपूर्ति भी ठप हो गई है, जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य जारी है, लेकिन खराब मौसम के कारण बचाव कार्यों में भी दिक्कतें आ रही हैं। कई इलाकों में सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे राहत सामग्री पहुंचाने में दिक्कत हो रही है। प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का प्रयास कर रहा है।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में भी बारिश की स्थिति ऐसी ही बनी रह सकती है। इसलिए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे बेवजह घर से बाहर न निकलें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
इस भारी बारिश से राज्य की आर्थिक स्थिति पर भी गहरा असर पड़ा है। बाढ़ और भूस्खलन के कारण फसलों को भी नुकसान पहुंचा है, जिससे किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इसके अलावा, पर्यटन उद्योग भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कई पर्यटन स्थल बंद कर दिए गए हैं, जिससे राज्य के राजस्व में भी कमी आई है।
सरकार ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए सभी जिलों में राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए सेना की भी मदद ली जा रही है। इसके अलावा, प्रभावित लोगों को आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने के लिए अस्थायी शिविर भी बनाए गए हैं।
प्रशासन ने कहा है कि वह हालात पर लगातार नजर रखे हुए है और जरूरत पड़ने पर और भी कड़े कदम उठाए जाएंगे। बारिश का कहर अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है, ऐसे में लोगों को सावधान रहने की जरूरत है।
इस बीच, राज्य में आने वाले पर्यटकों को भी सलाह दी गई है कि वे अपनी यात्राएं स्थगित कर दें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। राज्य में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है और अब सभी की नजरें मौसम विभाग की भविष्यवाणियों पर टिकी हुई हैं।
इस बीच, सरकार ने भीड़भाड़ वाले इलाकों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं और प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। राज्य के लोगों को सलाह दी गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी का पालन करें। इस मुश्किल घड़ी में राज्य के लोगों को धैर्य रखने और एक-दूसरे की मदद करने की आवश्यकता है।
अब देखना यह है कि मौसम कब सामान्य होता है और राज्य कब तक इस मुश्किल से उबरता है। लोगों की उम्मीदें अब सरकार और प्रशासन से हैं, जो इस संकट से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। इस कठिन समय में राज्य के लोगों को एकजुट रहकर इस प्राकृतिक आपदा का सामना करना होगा।