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Haryana Assembly Election 2024: क्या समय से पहले हो सकते हैं चुनाव? ECI जल्द करेगा घोषणा

11 अगस्त 2024, रविवार को यह खबर आई है कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव समय से पहले हो सकते हैं। भारतीय चुनाव आयोग (ECI) 25 अगस्त 2024 के बाद इसकी घोषणा कर सकता है। इस साल 4 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें हरियाणा के अलावा महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर और झारखंड शामिल हैं। ECI के सूत्रों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के कारण इन चुनावों की तारीख में बदलाव किया गया है।

2019 में हुए विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने 21 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी किया था। इस बार सरकार का कार्यकाल 3 नवंबर 2024 को खत्म हो रहा है। लेकिन समय से पहले चुनाव कराने की अटकलें तेज हो गई हैं। हरियाणा सरकार भी इस संभावित फैसले के मद्देनजर पूरी तरह से अलर्ट हो गई है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) और टॉप ब्यूरोक्रेसी को सतर्क कर दिया है। इसी कारण CMO के ऑफिसर्स देर रात तक काम कर रहे हैं।

हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल ने पहले ही बताया है कि विधानसभा चुनावों को लेकर भारतीय चुनाव आयोग की टीम 12-13 अगस्त को हरियाणा दौरे पर आने वाली है। इस दौरे के दौरान चुनाव की तैयारियों का जायजा लिया जाएगा। स्थानीय स्तर पर सभी 22 जिलों में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के इंजीनियरों द्वारा EVM चेकिंग का काम जारी है। इस बार विधानसभा चुनाव के लिए 817 नए पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। इसके बाद पोलिंग बूथों की संख्या बढ़कर 20,629 हो गई है।

समय से पहले चुनाव कराने की तीन बड़ी वजहें

हरियाणा में समय से पहले विधानसभा चुनाव कराने की तीन प्रमुख वजहें बताई जा रही हैं। पहली वजह जम्मू-कश्मीर है। 2018 से जम्मू-कश्मीर में सरकार नहीं है और वहां राष्ट्रपति शासन लागू है। इस क्षेत्र में विधानसभा चुनाव सितंबर 2024 में संभावित हैं, जबकि हरियाणा सहित अन्य तीन राज्यों में अक्टूबर 2024 में चुनाव प्रस्तावित हैं। जम्मू-कश्मीर की सीमाएं पाकिस्तान से लगती हैं, और हाल ही में यहां आतंकी घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। केंद्र सरकार इस स्थिति को देखते हुए जल्द चुनाव कराकर जिम्मेदारी निभाना चाहती है। यही कारण है कि अन्य राज्यों में भी चुनाव पहले कराने की योजना है।

दूसरी वजह है कि केंद्र सरकार विपक्ष को अधिक समय देना नहीं चाहती। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के बाद BJP के लिए इन चारों राज्यों के विधानसभा चुनाव बेहद महत्वपूर्ण होंगे। इन चुनावों का सीधा असर केंद्र सरकार पर पड़ेगा। वर्तमान में भाजपा केंद्र में नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की पार्टियों के सहयोग से सरकार चला रही है। यदि इन राज्यों में भाजपा को अच्छे परिणाम नहीं मिलते हैं, तो इसका सीधा असर गठबंधन के सहयोगियों पर भी पड़ सकता है। जल्द चुनाव होने से विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस, को अपनी तैयारियों के लिए समय नहीं मिल पाएगा।

तीसरी वजह हरियाणा में BJP की जल्द चुनाव कराने की इच्छा है। हरियाणा की टॉप लीडरशिप पहले ही केंद्र को इस संबंध में अपने विचार बता चुकी है। अगर समय से पहले चुनाव होते हैं, तो हरियाणा सरकार विधानसभा में मानसून सत्र को एक दिन का कर सकती है। संविधान विशेषज्ञ राम नारायण यादव के अनुसार, आर्टिकल 174 के कारण सरकार को 6 महीने के भीतर विधानसभा सत्र बुलाना जरूरी होता है, चाहे वह एक दिन का ही क्यों न हो।

BJP-JJP गठबंधन की सरकार और उसकी चुनौतियां

हरियाणा में 2019 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को 41 और जजपा को 10 सीटें मिली थीं। 6 निर्दलीय और एक हलोपा विधायक के समर्थन से भाजपा ने सरकार बनाई थी, और मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाया गया था। हालांकि, वह 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। इस साल 12 मार्च को जजपा और भाजपा का गठबंधन टूट गया। इसके बाद नायब सैनी को विधायक दल की बैठक में नेता चुना गया। नायब सैनी ने दावा किया कि उनके पास 48 विधायकों का समर्थन है, जिसमें भाजपा के 41 और 7 निर्दलीय विधायक शामिल हैं। बहुमत साबित करने के लिए 46 विधायकों का समर्थन जरूरी था, जो नायब सैनी ने हासिल कर लिया।

लोकसभा चुनाव और उसकी भूमिका

2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा और कांग्रेस को 5-5 सीटें मिली हैं। जबकि 2019 के चुनाव में भाजपा ने सभी 10 सीटें जीती थीं, और कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिल पाई थी। इस बार के नतीजों से हरियाणा विधानसभा में संख्या बल में बदलाव हुआ है। 90 सदस्यों वाली विधानसभा में अब 87 विधायक ही बचे हैं। सिरसा की रानियां विधानसभा से रणजीत सिंह चौटाला के इस्तीफे, बादशाहपुर सीट से विधायक राकेश दौलताबाद के निधन, और अंबाला लोकसभा सीट से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह स्थिति बनी है। अब 87 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 44 पर आ गया है।

भाजपा और कांग्रेस के विधायकों की संख्या

मौजूदा स्थिति में भाजपा के पास 41 विधायक हैं। साथ ही उन्हें हलोपा विधायक गोपाल कांडा और निर्दलीय नयनपाल रावत का समर्थन प्राप्त है। भाजपा के पास कुल 43 विधायक हैं। वहीं, विपक्ष में भाजपा से एक अधिक यानी 44 विधायक हैं, जिसमें कांग्रेस के 29, जजपा के 10, निर्दलीय 4 और इनेलो का एक विधायक शामिल हैं।

हरियाणा में समय से पहले चुनाव कराने की चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं। चुनाव आयोग और राज्य सरकार की तैयारियों से स्पष्ट होता है कि अगले कुछ हफ्तों में राजनीतिक सरगर्मी और बढ़ सकती है। अब देखना होगा कि 25 अगस्त के बाद ECI क्या घोषणा करता है, और हरियाणा की राजनीति में आगे क्या मोड़ आता है।

Sandeep Kumar

संदीप कुमार, एक अनुभवी हिंदी समाचार लेखक हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में करीब 5 साल का एक्सपीरिएंस है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक डिजीटल समाचार वेबसाइट chopal TV से की थी, जहां उन्होंने ऑटो, टेक और बिजनेस समेत कई सेक्शन में काम किया। इन्हें टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और बिजनेस से जुड़ी न्यूज लिखना, पढ़ना काफी पसंद है। इन्होंने इन सभी सेक्शन को बड़े पैमाने पर कवर किया है और पाठकों लिए बेहद शानदर रिपोर्ट पेश की हैं। संदीप कुमार, पिछले 1.5 महीने से लोकल हरियाणा पर पाठकों तक सही व स्टीक जानकारी पहुंचाने का प्रयास कर रहे है।

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