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हरियाणा के सरकारी डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल: मरीजों को भारी परेशानी

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हरियाणा में सभी सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर आज सुबह 8 बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। आज 25 जुलाई 2024 को हड़ताल शुरू होते ही अस्पतालों में किसी मरीज की जांच नहीं हो रही है। OPD सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गई हैं। सिर्फ आपात सेवाएं ही चालू हैं, जिनमें इमरजेंसी, ट्रॉमा सेंटर और पोस्टमार्टम हाउस शामिल हैं।

यह हड़ताल हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (HCMS) और स्वास्थ्य सचिव सुधीर राजपाल के बीच कई दौर की वार्ता असफल रहने के बाद शुरू हुई है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर को नियुक्त किया है। आज 12 बजे खुल्लर ने एसोसिएशन के पदाधिकारियों को बैठक के लिए बुलाया है।

डॉक्टरों की हड़ताल का कारण

हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर राजेश खयालिया ने बताया कि उन्होंने दिसंबर में भी पूर्ण हड़ताल की थी। उस समय सरकार ने आश्वासन दिया था कि उनकी सभी मांगें जायज हैं और जल्दी ही उन्हें लागू किया जाएगा। लेकिन सात महीने बाद भी नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ।

डॉ. खयालिया ने बताया कि 8 जुलाई को 2 घंटे के लिए ओपीडी सेवाएं बंद की गई थीं। उसी समय 25 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी गई थी। बावजूद इसके, सरकार ने नोटिफिकेशन जारी नहीं किया। इसलिए डॉक्टरों को मजबूरन हड़ताल पर जाना पड़ा। संगठन के चार वरिष्ठ सदस्य आज से डीजी हेल्थ के सामने भूख हड़ताल पर भी बैठ गए हैं। कल से हर जिले से दो-दो डॉक्टर इस जगह पर आकर स्ट्राइक पर बैठेंगे।

क्या हैं डॉक्टरों की मांगे?

एसोसिएशन की प्रमुख मांगों में शामिल हैं:

  1. पीजी (पोस्ट ग्रेजुएट) करने के लिए बांड राशि: सर्विस में रहते हुए पीजी करने के लिए एक-एक करोड़ रुपये के दो बांड भरने पड़ते हैं। एसोसिएशन चाहती है कि यह राशि पहले की तरह 50 लाख रुपये की जाए।
  2. सीधी भर्ती की जगह पदोन्नति: एसोसिएशन की मांग है कि सीनियर मेडिकल ऑफिसर पदों पर सीधी भर्ती की बजाय पदोन्नति के माध्यम से नियुक्तियां की जाएं।
  3. विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए अलग कैडर: एसोसिएशन की मांग है कि विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए अलग कैडर बनाया जाए।

हड़ताल का असर

हरियाणा में इस समय 71 सिविल अस्पताल, 120 सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र), 407 पीएससी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) और 2727 सब सेंटर हैं। औसतन हर जिले में रोजाना दो हजार से अधिक मरीजों की सरकारी अस्पतालों में जांच की जाती है। इस हड़ताल से OPD सेवाएं बंद रहने से प्रतिदिन औसतन करीब 50 हजार जरूरतमंद लोगों की जांच प्रभावित हो रही है।

सरकारी प्रयास

इस हड़ताल को समाप्त करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर को इस मामले को हल करने की जिम्मेदारी दी है। खुल्लर ने आज दोपहर 12 बजे एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक भी बुलाई है। उम्मीद है कि इस बैठक से कोई समाधान निकलेगा और हड़ताल जल्द समाप्त हो जाएगी।

Sandeep Kumar

Sandeep Kumar is an experienced Hindi and English news writer with nearly 5 years of experience in the media industry. He started his career with a digital news website chopal TV, where he worked in many sections including auto, tech and business. He loves writing and reading news related to technology, automobile and business. He has covered all these sections extensively and presented excellent reports for the readers. Sandeep Kumar has been trying to provide correct and accurate information to the readers on Local Haryana for the last 1.5 months.

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