Haryana Police New Dress Code: हरियाणा पुलिस के जवानों की वर्दी में बड़ा बदलाव, 3 कारण क्यों यह बदलाव जरूरी है
हरियाणा पुलिस के जवानों की वर्दी में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। 28 अक्टूबर 2024 को जारी आदेश के अनुसार, अब जिला मुख्यालय, थानों और चौकियों में तैनात पुलिसकर्मी एक ही रंग की खाकी वर्दी में नहीं दिखाई देंगे। इस बदलाव के तहत, अलग-अलग रैंक के आधार पर वर्दी और कैप के रंग में परिवर्तन किया जाएगा।
Main Points
हरियाणा पुलिस नया ड्रेस कोड
हरियाणा पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों की पहचान अब खाकी वर्दी के बजाय उनके द्वारा पहनी जाने वाली कैप के रंग से होगी। विशेष रूप से, सभी निरीक्षकों से सहायक उपनिरीक्षकों तक के कर्मचारियों को नीले रंग की बैरेट कैप पहनने की अनुमति नहीं होगी। यह आदेश एक सप्ताह के भीतर लागू किया जाएगा, जिससे नवंबर की शुरुआत में नए वर्दी परिवर्तन देखे जा सकेंगे.
जिला मुख्यालय पर तैनात कर्मियों का ड्रेस कोड
जिला मुख्यालय पर तैनात कर्मचारियों के लिए नया ड्रेस कोड निर्धारित किया गया है:
- इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर और असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर: खाकी रंग की पी-कैप और खाकी रंग की सीटी डोरी पहनेंगे।
- हेड कांस्टेबल: खाकी रंग की बेल्ट, कैप और खाकी रंग की सीटी डोरी पहनेंगे।
- इनवेस्टिगेशन ऑफिसर (आइओ): काले रंग की बैरेट कैप या खाकी रंग की पी-कैप और काली सीटी डोरी पहनेंगे।
- क्लेरिकल स्टाफ और एनजीओ: खाकी रंग की पी-कैप और खाकी रंग की सीटी डोरी पहनेंगे.
हरियाणा पुलिस थाना चौकियों में बदलाव
थाना चौकियों में तैनात कर्मचारियों के लिए भी वर्दी में बदलाव किया गया है:
- इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर: जो लोअर या इंटर स्कूल पास हैं, उन्हें खाकी रंग की बैरेट कैप या पी-कैप और खाकी रंग की सीटी डोरी पहननी होगी।
- अन्य कर्मचारी: जो लोअर या इंटर स्कूल पास नहीं हैं, उन्हें खाकी रंग की पी-कैप और बैरेट कैप तथा खाकी रंग की सीटी डोरी पहननी होगी.
हरियाणा पुलिस वर्दी में बदलाव का उद्देश्य
यह बदलाव हरियाणा पुलिस के लिए एक नई पहचान बनाने का प्रयास है। अधिकारियों का मानना है कि इस तरह का वर्गीकरण न केवल पहचान को सरल बनाएगा बल्कि कर्मचारियों के मनोबल को भी बढ़ाएगा। नए ड्रेस कोड से पुलिसकर्मियों को उनकी रैंक के अनुसार पहचाना जा सकेगा, जिससे कार्यस्थल पर अनुशासन और संगठनात्मक संरचना को मजबूती मिलेगी.
हरियाणा पुलिस के इस नए कदम से यह उम्मीद जताई जा रही है कि इससे जनता के साथ पुलिस का संबंध भी बेहतर होगा। जब लोग विभिन्न रैंक के अधिकारियों को आसानी से पहचान सकेंगे, तो इससे विश्वास और सहयोग बढ़ाने में मदद मिलेगी।