चौथी कक्षा की छात्रा से प्रिंसिपल ने किया घिनौना अपराध, टॉफी देकर करवा देता चुप
11 अगस्त 2024, रविवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक निजी स्कूल के प्रिंसिपल पर चौथी कक्षा की दस साल की मासूम छात्रा से दुष्कर्म करने का गंभीर आरोप लगा है। पुलिस ने बच्ची के बयानों के आधार पर आरोपी प्रिंसिपल यशपाल के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
यह घटना हरियाणा के नरवाना सदर थाना क्षेत्र के एक गांव की है। बच्ची की मां ने शिकायत में बताया कि उनकी 10 साल की बेटी एक निजी स्कूल की चौथी कक्षा में पढ़ती है। शुक्रवार को जब बेटी स्कूल से घर आई, तो वह बेहद परेशान नजर आ रही थी। शाम को घर में माता-पिता के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ, जिससे बच्ची डर गई और रोने लगी।
बच्ची ने रोते हुए अपने माता-पिता को बताया कि घर पर आप दोनों के झगड़े से उसे डर लगता है, और स्कूल में प्रिंसिपल उसके साथ गलत काम करता है। बच्ची ने कहा कि इस कारण उसके पेट में दर्द होता है। मासूम की यह बात सुनकर माता-पिता के होश उड़ गए। वे तुरंत बेटी को लेकर पुलिस थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज करवाई।
बच्ची ने अपने माता-पिता को बताया कि वह कक्षा में बैठी हुई थी, तभी प्रिंसिपल यशपाल आया और उसे दूसरे कमरे का दरवाजा बंद करने के लिए कहा। बच्ची दरवाजा बंद कर वापस आ रही थी, तभी प्रिंसिपल ने उसे स्कूल का नया हॉल दिखाने का बहाना बनाया और उसे बाथरूम में ले गया। वहां प्रिंसिपल ने मासूम के साथ दुष्कर्म किया और उसे टॉफी देकर चुप रहने को कहा।
बच्ची ने बताया कि प्रिंसिपल अक्सर उसे स्कूल के बाथरूम में ले जाता था और उसके साथ गलत काम करता था। हर बार वह उसे टॉफी देकर चुप करा देता था। बच्ची की इन बातों ने माता-पिता को झकझोर कर रख दिया। उन्होंने तुरंत स्कूल प्रशासन के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस ने बच्ची के बयान दर्ज कर आरोपी प्रिंसिपल यशपाल के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस के अनुसार, आरोपी प्रिंसिपल फरार है और उसकी गिरफ्तारी के लिए टीमों का गठन किया गया है। पुलिस का कहना है कि वे जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लेंगे और उसे कानून के कटघरे में खड़ा करेंगे।
इस घटना ने इलाके में हड़कंप मचा दिया है। स्थानीय लोग और अभिभावक इस घटना से गुस्से में हैं और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। स्कूल प्रशासन ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है और उन्होंने आरोपी प्रिंसिपल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
इस घटना से एक बार फिर से स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। ऐसे मामलों में स्कूल प्रशासन की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है कि वे बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। यह घटना समाज के सामने यह सवाल खड़ा करती है कि आखिर कब तक मासूम बच्चे ऐसे दरिंदों के शिकार होते रहेंगे?