HSSC ग्रुप C और D भर्ती: 7,000 युवा पहुंच Punjab and Haryana High Court, पढें पूरी खबर
Punjab and Haryana High Court: हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) ग्रुप C और D की नौकरियों में सामाजिक-आर्थिक आधार पर मिलने वाले 5 अंकों को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है। इस फैसले के बाद से लगभग 7,000 युवाओं की नौकरी पर संकट आ गया है, जिन्होंने पहले से ही जॉइनिंग कर ली थी। शुक्रवार को इन युवाओं ने चंडीगढ़ में सीएम नायब सिंह सैनी और एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन से मुलाकात की, और उनकी स्थिति को लेकर चिंता जताई।
युवाओं की प्रमुख मांगें
युवाओं ने सरकार से आग्रह किया है कि ग्रुप C की नौकरियों को लेकर रिव्यू पिटीशन दायर की जाए। उन्होंने हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) के सचिव से भी मुलाकात की और मांग की कि परीक्षा दोबारा न करवाई जाए, क्योंकि उनकी भर्ती में सामाजिक-आर्थिक आधार पर 5 अंकों का कोई प्रभाव नहीं पड़ा था। एचएसएससी ने मुख्य परीक्षा आयोजित की थी, जिसमें सभी को समान अवसर मिला था।
24 जुलाई को होगी सुनवाई
हाई कोर्ट में युवाओं की याचिकाओं पर 24 जुलाई को सुनवाई होगी। राज्य सरकार ने ग्रुप C के 12,500 पदों पर भर्ती की थी, और कमीशन का कहना है कि 5 अंकों का मामला भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित नहीं कर सकता। लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि 5 अंकों के प्रावधान के बारे में सरकार ने ग्रुप C की भर्ती के लिए ठोस तथ्यों को प्रस्तुत नहीं किया है। इससे ग्रुप नंबर 56 और 57 समेत अन्य 20 ग्रुपों की भर्ती पर भी असर पड़ रहा है।
एडवोकेट रविंद्र सिंह ढुल के तर्क
एडवोकेट रविंद्र सिंह ढुल ने बताया कि कुल 20 ग्रुप की परीक्षाएं हुईं। इनमें से 9 ग्रुप में सभी योग्य अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा का अवसर मिला। 11 ग्रुप में भी सभी आवेदनकर्ताओं को मौका दिया गया था। इसलिए 5 अंकों का कोई महत्व नहीं रह जाता। HSSC ने परिणाम घोषित किया था और उसमें स्पष्ट किया गया था कि सामाजिक-आर्थिक आधार के अंक बिना परिणाम जारी किया गया है। कोर्ट में ग्रुप 56 और 57 को चैलेंज किया गया था, लेकिन बाकी ग्रुपों का कोई जिक्र नहीं था और युवाओं को नोटिस भी जारी नहीं हुआ।
यह सब जानकारी 2500 युवाओं का केस लड़ रहे एडवोकेट रविंद्र सिंह ढुल ने दी है।