मीटिंग में महिला सरपंचों के स्थान पर पुरुष प्रतिनिधियों की उपस्थिति पर डीसी नेहा सिंह की सख्ती
Haryana News: लघु सचिवालय के दूसरे फ्लोर पर बुधवार को टीबी मुक्त ग्राम मीटिंग का आयोजन किया गया। इस मीटिंग में महिला सरपंचों के साथ उनके प्रतिनिधि के रूप में पति, जेठ और देवर भी पहुंच गए। यह दृश्य देखकर डीसी नेहा सिंह ने नाराजगी जाहिर की और पुरुष प्रतिनिधियों को मीटिंग से बाहर जाने के निर्देश दिए।
डीसी नेहा सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि पंचायती राज संस्थाओं की निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के स्थान पर पुरुष प्रतिनिधि किसी भी सरकारी मीटिंग में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। पुरुषों ने यह कहते हुए अपनी उपस्थिति का बचाव किया कि वे सरपंचों के प्रतिनिधि हैं। इस पर डीसी नेहा सिंह ने कड़े शब्दों में जवाब दिया कि मीटिंग में पुरुष प्रतिनिधि की कोई जरूरत नहीं है। महिलाओं को निर्णय लेने में सक्षम बताया और कहा कि आगे से किसी भी मीटिंग में महिला की जगह पुरुष शामिल नहीं होंगे।
50 प्रतिशत हिस्सेदारी, फिर भी है ये हाल
पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है और निर्वाचित होने के लिए पंच, सरपंच, ब्लॉक समिति व जिला परिषद सदस्य के लिए शैक्षणिक योग्यता निर्धारित की गई है। पढ़ी-लिखी निर्वाचित महिलाएं होने के बावजूद उनके स्थान पर पुरुष काम करते हैं। यह प्रथा पारिवारिक और सामाजिक स्तर पर सामान्य है, लेकिन सरकारी कार्यालयों में भी पुरुष प्रतिनिधियों का आना-जाना रहता है।
दफ्तरों में कुर्सी पर बैठते हैं, साइन भी करते हैं
यह देखा गया है कि पंचायती दस्तावेजों पर भी महिलाओं के स्थान पर पुरुष प्रतिनिधि हस्ताक्षर करते हैं। सभी महत्वपूर्ण निर्णय पुरुष लेते हैं और महिला प्रतिनिधियों की राय भी नहीं ली जाती है। यह स्थिति महिलाओं के राजनीतिक अधिकारों और उनकी स्वायत्तता पर गंभीर सवाल खड़े करती है।