28 जुलाई 2024 को, भारतीय शूटर मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक 2024 में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। यह भारत का पेरिस ओलंपिक में पहला पदक है और मनु भाकर पहली भारतीय महिला शूटर हैं जिन्होंने ओलंपिक में पदक जीता है।मनु भाकर का यह प्रदर्शन न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। हरियाणा की इस 22 वर्षीय खिलाड़ी ने अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से यह उपलब्धि हासिल की है। पेरिस में आयोजित इस प्रतियोगिता में, उन्होंने 221.7 अंक के साथ कांस्य पदक जीता, जबकि दक्षिण कोरिया की जीन ये ओह ने स्वर्ण और किम ये जी ने रजत पदक जीता।
मनु का सफर
मनु भाकर का जन्म 18 फरवरी 2002 को झज्जर, हरियाणा में हुआ। उन्होंने पहले कई खेलों में भाग लिया, जैसे कि टेनिस, स्केटिंग और बॉक्सिंग, लेकिन 14 साल की उम्र में उन्होंने शूटर बनने का निर्णय लिया। मनु ने 2017 में राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप में 9 स्वर्ण पदक जीतकर सबको चौंका दिया था। इसके बाद, उन्होंने 2018 में कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी पहचान बनाई।मनु भाकर ने 2021 में टोक्यो ओलंपिक में भी भाग लिया था, लेकिन वहां उन्हें निराशा का सामना करना पड़ा था। उनके पिस्टल में तकनीकी खराबी आई थी, जिससे वह प्रतियोगिता में आगे नहीं बढ़ पाईं। लेकिन इस बार, उन्होंने अपनी मेहनत और तैयारी से सभी बाधाओं को पार किया।
पदक जीतने के बाद की प्रतिक्रियाएँ
मनु की इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने उन्हें बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “यह एक ऐतिहासिक पदक है! मनु भाकर ने भारत के लिए गर्व का क्षण प्रस्तुत किया है।”मुख्यमंत्री सैनी ने कहा, “हरियाणा की बेटी ने अपने प्रदर्शन से पूरे देश का नाम रोशन किया है। हरियाणवी के लिए यह गर्व का क्षण है।”मनु की दादी ने भी उनकी सफलता पर खुशी व्यक्त की और कहा, “मैं उन्हें आशीर्वाद देती हूं। उन्होंने एक महान काम किया है। हम उनका स्वागत करेंगे और उनके लिए विशेष भोजन तैयार करेंगे।”
भविष्य की योजनाएँ
मनु भाकर ने इस सफलता के बाद कहा कि वह अपने खेल में और सुधार करना चाहती हैं और भविष्य में और भी पदक जीतने का लक्ष्य रखती हैं। उन्होंने अपने कोच और परिवार का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस सफर में उनका समर्थन किया।हरियाणा सरकार ने भी मनु भाकर को सम्मानित करने का निर्णय लिया है। यह सम्मान उनके खेल करियर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।मनु भाकर की इस सफलता ने न केवल उन्हें, बल्कि पूरे देश को प्रेरित किया है। उनकी कहानी हर युवा खिलाड़ी के लिए एक उदाहरण है कि मेहनत और समर्पण से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।