हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी आज, 31 जुलाई 2024, को सिरसा के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने हलोपा सुप्रीमो एवं विधायक गोपाल कांडा के निवास पर जाकर पूजा अर्चना की। नायब सैनी ने मीडिया से बात करते हुए यह जानकारी दी कि हरियाणा में भाजपा, गोपाल कांडा की हरियाणा लोकहित पार्टी (हलोपा) के साथ मिलकर आगामी चुनाव लड़ेगी। यह घोषणा राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर रही है क्योंकि हलोपा एनडीए का हिस्सा है।
Main Points
गोपाल कांडा का राजनीतिक इतिहास
गोपाल कांडा का नाम हमेशा विवादों में रहा है। वह पहले हरियाणा की हुड्डा सरकार में गृह राज्यमंत्री थे, लेकिन गीतिका सुसाइड केस में उनका नाम आने के बाद उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ा और उन्हें तिहाड़ जेल में रहना पड़ा। हालांकि, 2023 में वह इस मामले से बरी हो गए थे। कांडा ने हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की थी और एनडीए के तहत 15 सीटों की मांग की थी।
भाजपा और हलोपा का गठबंधन
नायब सैनी ने कहा कि भाजपा और हलोपा का यह गठबंधन हरियाणा में राजनीतिक समीकरण को बदल सकता है। सिरसा के विधायक गोपाल कांडा की हलोपा के साथ भाजपा का चुनावी गठबंधन स्थानीय भाजपा नेताओं के लिए एक झटका हो सकता है। सिरसा की शहरी सीट से कांडा की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है, जिससे भाजपा के टिकट के दावेदारों को चुनौती मिल सकती है।
स्थानीय नेताओं की चिंताएँ
सिरसा जिले के भाजपा नेता इस गठबंधन को लेकर चिंतित हैं। गोपाल कांडा के भाई गोविंद कांडा भी सिरसा की रानियां विधानसभा और फतेहाबाद सीट से दावेदारी जता रहे हैं। इससे भाजपा के स्थानीय नेताओं जैसे अमन चौपड़ा, भूपेश मेहता और प्रदीप रातुसरिया को नुकसान हो सकता है।
पूर्व मुख्यमंत्री खट्टर का प्रयास
इससे पहले, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 2019 विधानसभा चुनाव से पहले हलोपा के साथ गठबंधन करने की कोशिश की थी, लेकिन भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने इसे मंजूरी नहीं दी थी। तब उमा भारती ने ‘स्वच्छ’ छवि वाले नेताओं से समर्थन मांगने की सलाह दी थी।
चुनावी रणनीति
भाजपा की यह रणनीति आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए महत्वपूर्ण है। नायब सैनी ने कहा कि उनकी सरकार सभी 10 लोकसभा सीटों पर जीतने के लिए तैयार है। भाजपा ने अपने 41 विधायकों के साथ-साथ 6 स्वतंत्र विधायकों और हलोपा के एक विधायक का समर्थन प्राप्त किया है, जिससे उनकी स्थिति मजबूत है।