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कौन है अपनी निजी ऑडी ए4 कार पर लाल-नीली बत्ती लगाने वाली IAS पूजा खेडकर, जानिए कुल संपत्ति

महाराष्ट्र की विवादित आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने पुणे से स्थानांतरण के बाद वाशिम में कार्यभार संभाला। उनकी पुरानी गलतियाँ अब सामने आ रही हैं।

IAS Pooja Khedkar News: महाराष्ट्र की चर्चित प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने पुणे से स्थानांतरण के बाद वाशिम जिले में अपना नया कार्यभार संभाल लिया है। लेकिन पुणे में उनके विवादास्पद कार्यों के कारण अब उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। आईएएस पूजा खेडकर 2022 बैच की महाराष्ट्र कैडर की अधिकारी हैं. यूपीएससी में उनकी 841वीं रैंक थी और प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने पुणे जिलाधिकारी कार्यालय में अपनी निजी ऑडी कार पर लाल बत्ती और महाराष्ट्र शासन की पट्टी लगाकर चलती थीं।

वरिष्ठ अधिकारियों से तकरार

पूजा खेडकर ने पुणे में तैनाती के दौरान अपने वरिष्ठ अपर जिलाधिकारी के एंटी चैंबर से उनका सामान बाहर निकलवाकर खुद उस कक्ष पर कब्जा कर लिया था। वह अपने लिए आधिकारिक स्टाफ की मांग भी कर रही थीं। जिलाधिकारी डॉ. सुहास दिवसे द्वारा इन शिकायतों को मुख्य सचिव के पास ले जाने के बाद उनका स्थानांतरण वाशिम में कर दिया गया।

पुराने विवादों का पिटारा खुला

वाशिम में अपना कार्यभार संभालने के बाद पूजा से जुड़े कई और विवाद सामने आने लगे हैं। सबसे पहला सवाल उनकी पहली पोस्टिंग पुणे में होने को लेकर उठाया जा रहा है, क्योंकि आमतौर पर किसी आईएएस अधिकारी को उसका गृह जनपद करियर के आखिरी दिनों में ही मिलता है। पूजा की पहली पोस्टिंग ही पुणे में हो गई, जो उनका गृह जिला है।

कैटेगिरी को लेकर उठे सवाल

पूजा ने 2019 में यूपीएससी की परीक्षा सामान्य श्रेणी में दी थी, लेकिन सफल नहीं हो पाईं। 2022 में उन्होंने नॉन क्रीमी लेयर ओबीसी श्रेणी के तहत परीक्षा दी, जबकि उनके पिता की संपत्ति 40 करोड़ रुपए है और खुद पूजा के पास 17 करोड़ की संपत्ति है। इसके बावजूद उन्होंने ओबीसी की नॉन क्रीमी लेयर के तहत परीक्षा दी, जिस पर सवाल उठ रहे हैं।

फर्जी दिव्यांगता सर्टिफिकेट बनवाने का आरोप

पूजा ने नॉन क्रीमी लेयर ओबीसी श्रेणी के तहत भी परीक्षा देने पर आईएएस बनने के लिए शारीरिक दिव्यांगता का प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया। 2019 में परीक्षा देते समय उन्होंने यह प्रमाणपत्र नहीं दिया था। इसके बावजूद, उन्होंने छह बार अनिवार्य मेडिकल जांच से कतराया।

सरकार की कार्रवाई

पूजा खेडकर की इन गलतियों पर सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है। पुणे पुलिस ने उनकी निजी ऑडी कार पर लाल बत्ती एवं महाराष्ट्र शासन की पट्टी लगाने के कारण 21,000 रुपए का जुर्माना ठोक दिया है। उनकी अन्य गलतियों की जांच की मांग भी उठने लगी है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने कहा है कि उनके चयन में ही गड़बड़ी हुई है और उनकी दस्तावेजों की सही तरीके से जांच होनी चाहिए।

परिवार की पृष्ठभूमि और संपत्ति

रिपोर्ट्स के अनुसार, पूजा के पिता दिलीप खेडकर पुणे में सहायक कलेक्टर रह चुके हैं। 2004 में उन्होंने वंचित बहुजन अघाड़ी के टिकट पर लोक सभा चुनाव भी लड़ा था। उनके चुनावी हलफनामे में उनकी संपत्ति 40 करोड़ रुपये बताई गई थी, जिसमें 48 लाख रुपये की आय कृषि से बताई गई थी। दिलीप खेडकर के पास 110 एकड़ कृषि भूमि है, जो कृषि सीमा भूमि अधिनियम का उल्लंघन करती है।

इसके अलावा, दिलीप खेडकर के पास छह दुकानें, सात फ्लैट (जिसमें एक हीरानंदानी में), 900 ग्राम सोना, हीरे, 17 लाख की घड़ी, और चार कारें भी हैं। साथ ही, दो प्राइवेट कंपनियों और एक आटोमोबाइल फर्म में हिस्सेदारी भी है। पूजा खेडकर के पास 17 करोड़ रुपये की संपत्ति है।

Sandeep Kumar

संदीप कुमार, एक अनुभवी हिंदी समाचार लेखक हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में करीब 5 साल का एक्सपीरिएंस है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक डिजीटल समाचार वेबसाइट chopal TV से की थी, जहां उन्होंने ऑटो, टेक और बिजनेस समेत कई सेक्शन में काम किया। इन्हें टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और बिजनेस से जुड़ी न्यूज लिखना, पढ़ना काफी पसंद है। इन्होंने इन सभी सेक्शन को बड़े पैमाने पर कवर किया है और पाठकों लिए बेहद शानदर रिपोर्ट पेश की हैं। संदीप कुमार, पिछले 1.5 महीने से लोकल हरियाणा पर पाठकों तक सही व स्टीक जानकारी पहुंचाने का प्रयास कर रहे है।

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