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Aaj Ka Panchang: सोमवती अमावस्या 2024, पितृ दोष से मुक्ति के लिए 7 प्रभावी विधियां

सोमवार, 2 सितंबर 2024 को भाद्रपद माह की अमावस्या पड़ रही है। इस दिन होने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है, क्योंकि यह सोमवार के दिन आ रही है। हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व है और इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

सोमवती अमावस्या 2024 तिथि और मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की सोमवती अमावस्या 2 सितंबर 2024 को सुबह 05:21 बजे शुरू हुई और इसका समापन 3 सितंबर को सुबह 07:24 बजे होगा। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त का समय सुबह 04:38 बजे से लेकर 05:24 बजे तक रहेगा। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06:09 बजे से लेकर 07:44 बजे तक है।

सोमवती अमावस्या पर शुभ योग

ज्योतिषियों के अनुसार, भाद्रपद माह की सोमवती अमावस्या पर दो शुभ योग का निर्माण हो रहा है। सुबह सूर्योदय से लेकर शाम 06:20 बजे तक शिव योग रहेगा और इसके बाद सिद्धि योग का निर्माण होगा। शिव योग में भगवान शिव की पूजा करने से देवी-देवताओं की विशेष कृपा प्राप्त होती है और पितरों का श्राद्ध करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

सोमवती अमावस्या पर पूजा-अर्चना

सोमवती अमावस्या को भगवान विष्णु की विशेष तिथि माना जाता है। इस दिन स्नान, दान और पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। श्रद्धालु गंगा और अन्य पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं और देवों के देव महादेव की पूजा करते हैं। पितरों का तर्पण भी किया जाता है।

शिव योग और सिद्धि योग का महत्व

ज्योतिषियों के अनुसार, भाद्रपद अमावस्या पर दुर्लभ शिव योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इसके बाद सिद्धि योग का निर्माण होगा, जो मंगल कार्य करने के लिए शुभ माना जाता है। इस योग में महादेव की पूजा करने से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर होंगे।

शिववास योग का महत्व

सोमवती अमावस्या पर शिववास योग का भी संयोग बन रहा है। इस शुभ अवसर पर देवों के देव महादेव कैलाश पर्वत पर जगत की देवी मां गौरी के साथ रहेंगे। इस दौरान शिव-शक्ति की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है। इसके अलावा, अभिजीत मुहूर्त एवं गोधूलि मुहूर्त का भी शुभ संयोग है।

सोमवती अमावस्या पर पंचांग

आज का पंचांग:

  • सूर्योदय – सुबह 06 बजे
  • सूर्यास्त – शाम 06 बजकर 41 मिनट पर
  • ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 29 मिनट से 05 बजकर 15 मिनट तक
  • विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 27 मिनट से 03 बजकर 18 मिनट तक
  • गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 41 मिनट से 07 बजकर 04 मिनट तक
  • निशिता मुहूर्त – रात्रि 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 43 मिनट तक

अशुभ समय:

  • राहु काल – सुबह 07 बजकर 35 मिनट से 09 बजकर 10 मिनट तक
  • गुलिक काल – दोपहर 01 बजकर 56 मिनट से 03 बजकर 31 मिनट तक
  • दिशा शूल – पूर्व

सोमवती अमावस्या हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तिथि है और इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है। इस बार विशेष रूप से शिव योग और सिद्धि योग का निर्माण होने से इस तिथि का महत्व और भी बढ़ गया है। श्रद्धालु इस दिन स्नान, दान और पूजा-पाठ करके भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

Sandeep Kumar

संदीप कुमार, एक अनुभवी हिंदी समाचार लेखक हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में करीब 5 साल का एक्सपीरिएंस है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक डिजीटल समाचार वेबसाइट chopal TV से की थी, जहां उन्होंने ऑटो, टेक और बिजनेस समेत कई सेक्शन में काम किया। इन्हें टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और बिजनेस से जुड़ी न्यूज लिखना, पढ़ना काफी पसंद है। इन्होंने इन सभी सेक्शन को बड़े पैमाने पर कवर किया है और पाठकों लिए बेहद शानदर रिपोर्ट पेश की हैं। संदीप कुमार, पिछले 1.5 महीने से लोकल हरियाणा पर पाठकों तक सही व स्टीक जानकारी पहुंचाने का प्रयास कर रहे है।

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