Haryana Congress Candidate List 2024: कांग्रेस की 18 सीटों पर टिकट फाइनल, हुड्डा सहित 12 सिटिंग विधायकों की उम्मीदवारी तय
हरियाणा विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच कांग्रेस पार्टी ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 90 सीटों में से 18 पर अपने उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए हैं। इनमें 9 सिटिंग विधायक शामिल हैं, जो पहले से ही विधानसभा में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इस बीच, 14 सीटों पर एकल नाम का पैनल बनाया गया है, जिनमें से 13 सीटों पर पुराने चेहरों को फिर से मौका दिया गया है। वहीं, एक सीट पर नए चेहरे को शामिल किया गया है।
Main Points
हुड्डा फिर संभालेंगे गढ़ी-सांपला-किलोई सीट से कमान
कांग्रेस के टिकट वितरण में सबसे महत्वपूर्ण नाम पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का है। हुड्डा रोहतक जिले की गढ़ी-सांपला-किलोई सीट से चुनाव लड़ेंगे। पार्टी के भीतर यह सीट उनके नाम पर फिक्स थी, क्योंकि इस सीट से किसी और ने टिकट के लिए आवेदन भी नहीं किया था। अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो हुड्डा मुख्यमंत्री पद के सबसे बड़े दावेदार माने जा रहे हैं।
12 सिटिंग विधायकों की उम्मीदवारी पक्की
कांग्रेस ने जिन 18 सीटों पर एकल नाम का पैनल बनाया है, उनमें से 12 सीटों पर पार्टी के सिटिंग विधायक ही उम्मीदवार होंगे। इनमें रोहतक से बीबी बत्रा, झज्जर से गीता भुक्कल, बेरी से रघुबीर कादियान, रेवाड़ी से चिरंजीव राव, नूंह से आफताब अहमद, पुन्हाना से मोहम्मद इलियास, महेंद्रगढ़ से राव दान सिंह और बरौदा से इंदुराज भालू शामिल हैं।
इसके साथ ही, अंबाला जिले की नारायणगढ़ सीट से मौजूदा विधायक शैली चौधरी और फरीदाबाद एनआईटी के मौजूदा विधायक नीरज शर्मा का भी टिकट लगभग फाइनल है। बादली सीट से कुलदीप वत्स की टिकट भी तय मानी जा रही है, जो भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी माने जाते हैं।
वरुण चौधरी की मुलाना सीट पर भी जारी चर्चा
अंबाला जिले की मुलाना सीट को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। यहां के पूर्व विधायक और अब सांसद वरुण चौधरी ने भी अपनी पत्नी पूजा चौधरी या बहन को उम्मीदवार बनाने की कोशिश की है, लेकिन उनके परिवार से किसी ने टिकट के लिए आवेदन नहीं किया है। पार्टी में इस सीट पर वरुण चौधरी का कितना प्रभाव रहेगा, यह देखना बाकी है।
पंचकूला से चंद्रमोहन का टिकट तय
पंचकूला सीट से कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे और राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन बिश्नोई को उम्मीदवार बनाने का लगभग फैसला कर लिया है। यह सीट कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, और चंद्रमोहन की उम्मीदवारी से पार्टी को मजबूती मिलने की उम्मीद है।
पुराने चेहरों पर कांग्रेस का भरोसा
कांग्रेस ने इस बार 2019 का चुनाव हार चुके चार पुराने चेहरों पर भी भरोसा जताया है। इनमें थानेसर से अशोक अरोड़ा, पलवल से करण सिंह दलाल, फरीदाबाद से लखन सिंगला और बड़खल से चौधरी विजय प्रताप सिंह का नाम शामिल है। अशोक अरोड़ा पहले INLD में थे, लेकिन 2019 के चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे। वह 2009, 2000 और 1996 में थानेसर से विधायक रह चुके हैं।
पलवल से करण सिंह दलाल, जो भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समधी भी हैं, को फिर से टिकट दिया जा रहा है। करण सिंह दलाल 1991, 1996, 2000, 2005 और 2014 में पलवल से ही विधायक रह चुके हैं।
महम से दांगी के बेटे का नाम पैनल में
महम सीट से कांग्रेस ने इस बार आनंद सिंह दांगी की जगह उनके बेटे बलराम दांगी का नाम पैनल में रखा है। दांगी परिवार भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी माने जाते हैं। हालांकि, कई पंचायतों के सरपंचों ने दांगी परिवार के विरोध में कांग्रेस नेतृत्व को पत्र भी लिखा है, जिससे यह सीट कांग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है।
2556 आवेदन, टिकट पाने की होड़
कांग्रेस ने इस साल जुलाई में विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं से आवेदन मांगे थे। 90 सीटों के लिए पार्टी को कुल 2556 आवेदन मिले, जिससे एक या दो नामों को शॉर्टलिस्ट करना पार्टी के लिए कठिन हो गया है। कई सीटों पर 40 से ज्यादा उम्मीदवारों ने टिकट के लिए आवेदन किया, जिससे टिकट वितरण में पार्टी को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
कांग्रेस के लिए हरियाणा विधानसभा चुनाव में यह टिकट वितरण एक महत्वपूर्ण कदम है। पुराने चेहरों पर भरोसा जताते हुए और नए चेहरों को मौका देते हुए, पार्टी ने एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की कोशिश की है। अब देखना होगा कि कांग्रेस का यह फैसला चुनावी मैदान में कितना कारगर साबित होता है।