ना पेट्रोल ना डीजल और ना ही बैटरी, भारत में आई पानी से चलने वाली कार, एक टैंक में दौड़ेगी 600 KM
भारत में 2 अगस्त 2024 को एक नई हवा-पानी से चलने वाली कार का अनावरण किया गया। यह कार एक महत्वपूर्ण तकनीकी प्रगति है, जो पर्यावरण के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देती है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस कार के बारे में जानकारी दी और बताया कि यह कार एक बार टैंक भरने पर 600 किमी तक चल सकती है।
Main Points
हाइड्रोजन फ्यूल सेल तकनीक
इस नई कार में एडवांस फ्यूल सेल लगाया गया है। यह फ्यूल सेल ऑक्सीजन और हाइड्रोजन के केमिकल रिएक्शन से बिजली पैदा करता है। इस बिजली का उपयोग कार को चलाने में किया जाता है। जब कार चलती है, तो इसके साइलेंसर से केवल पानी बाहर निकलता है, जो कि एक सकारात्मक पहल है।
टोयोटा की हाइड्रोजन कार
टोयोटा मोटर्स ने हाल ही में भारतीय बाजार में अपनी हाइड्रोजन कार टोयोटा मिराई लॉन्च की है। यह कार हाइड्रोजन वेस्ट फ्यूल सेल सिस्टम पर आधारित है। टोयोटा मिराई एक इलेक्ट्रिक गाड़ी है जो हाइड्रोजन का उपयोग करके आवश्यक इलेक्ट्रिसिटी बनाती है।इस कार के फ्यूल टैंक से हाइड्रोजन की सप्लाई फ्यूल सेल स्टैक को की जाती है। यह कार हवा में मौजूद ऑक्सीजन को खींचती है। फिर इन दोनों गैसों के केमिकल रिएक्शन से पानी और बिजली उत्पन्न होती है।
नितिन गडकरी का दृष्टिकोण
गडकरी ने कहा कि यह कार पूरी तरह से पर्यावरण के लिए अनुकूल है। उन्होंने कहा, “हाइड्रोजन कारें इस देश का भविष्य हैं।” उनका मानना है कि हाइड्रोजन फ्यूल सेल तकनीक से भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।
हाइड्रोजन का उत्पादन
गडकरी ने बताया कि भारत में हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए कई योजनाएँ बनाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि हाइड्रोजन को पुनर्नवीनीकरण और जैविक अपशिष्ट से उत्पन्न किया जा सकता है। इससे न केवल ऊर्जा की कमी दूर होगी, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद होगा।
लागत और लाभ
गडकरी ने बताया कि हाइड्रोजन फ्यूल की लागत लगभग 2 रुपये प्रति किलोमीटर होगी। यह अन्य ईंधनों की तुलना में बहुत कम है। इसके अलावा, हाइड्रोजन कारों की रीफ्यूलिंग प्रक्रिया भी तेज है। इसे केवल 3 से 4 मिनट में रीफ्यूल किया जा सकता है।
प्रदूषण से बचाव
भारत में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए, यह कार एक सकारात्मक कदम है। गडकरी ने कहा कि यह तकनीक न केवल प्रदूषण को कम करेगी, बल्कि ऊर्जा की सुरक्षा में भी मदद करेगी। जब हम हाइड्रोजन का उपयोग करते हैं, तो यह जलवायु परिवर्तन के खिलाफ एक महत्वपूर्ण उपाय है।
तकनीकी विशेषताएँ
इस कार की कुछ विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- ईंधन दक्षता: एक बार टैंक भरने पर यह कार 600 किमी तक यात्रा कर सकती है।
- जल्द रीफ्यूलिंग: इसे केवल 3 से 4 मिनट में रीफ्यूल किया जा सकता है, जबकि इलेक्ट्रिक कारों को चार्ज करने में कई घंटे लग सकते हैं।
- पर्यावरण के अनुकूल: यह कार जलवायु परिवर्तन के खिलाफ एक प्रभावी उपाय है, क्योंकि इसके उत्सर्जन में कोई हानिकारक गैसें नहीं होतीं।
बाजार में उपलब्धता
इस कार की बिक्री कब शुरू होगी, इस पर अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। लेकिन उम्मीद की जा रही है कि इसे जल्द ही बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा।
उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया
उपभोक्ताओं ने इस नई तकनीक के प्रति उत्साह व्यक्त किया है। कई लोगों का मानना है कि यह कार न केवल ईंधन की लागत को कम करेगी, बल्कि यात्रा को भी अधिक सुविधाजनक बनाएगी।
भविष्य की संभावनाएँ
इस तकनीक के विकास से भारत में हाइड्रोजन आधारित वाहनों की एक नई श्रेणी का निर्माण हो सकता है। इससे न केवल पर्यावरण को लाभ होगा, बल्कि यह भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में भी नवाचार को बढ़ावा देगा।