जन्माष्टमी 2024: लड्डू गोपाल को लगाएं ये 5 भोग, पूरी होंगी मनोकामनाएं
भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव जन्माष्टमी का त्योहार इस साल 26 अगस्त, सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की विशेष पूजा की जाती है। अगर आप भी लड्डू गोपाल को खुश करना चाहते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूरी कराना चाहते हैं, तो उन्हें इन 5 चीजों का भोग अवश्य लगाएं।
1. पंचामृत
जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल को पंचामृत का भोग लगाना बहुत शुभ माना जाता है। पंचामृत में दूध, दही, घी, शहद और गुड़ का मिश्रण होता है। ये पांच चीजें भगवान कृष्ण को बहुत प्रिय हैं। पंचामृत बनाने के लिए एक कटोरी में दूध, दही, घी, शहद और गुड़ को मिलाकर अच्छी तरह से मिक्स कर लें। इसे लड्डू गोपाल के सामने रख दें।
2. फल
जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल को विभिन्न प्रकार के फलों का भोग लगाया जाता है। आम, केला, संतरा, अंगूर, नारंगी जैसे फल भगवान कृष्ण को बहुत पसंद हैं। इन फलों को धोकर साफ कर लें और एक प्लेट में सजा कर लड्डू गोपाल के सामने रख दें।
3. मेवा
मेवे में किशमिश, काजू, बादाम, पिस्ता और खजूर शामिल होते हैं। ये सभी चीजें भगवान कृष्ण को बहुत पसंद हैं। मेवों को अच्छी तरह से धोकर साफ कर लें और एक प्लेट में सजा कर लड्डू गोपाल के सामने रख दें।
4. मिठाइयां
जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल को विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाया जाता है। लड्डू, बर्फी, जलेबी, गुलाब जामुन जैसी मिठाइयां भगवान कृष्ण को बहुत पसंद हैं। इन मिठाइयों को साफ प्लेट में सजा कर लड्डू गोपाल के सामने रख दें।
5. पंचमेवा पाग
पंचमेवा पाग एक विशेष प्रकार का पकवान है जो जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल को चढ़ाया जाता है। इसमें पांच प्रकार के मेवे जैसे बादाम, काजू, पिस्ता, खजूर और किशमिश होते हैं। इन मेवों को पानी में भिगोकर रात भर रखें। सुबह इन्हें निकालकर पीसकर एक पेस्ट बना लें। इस पेस्ट में गुड़ और घी मिलाकर गोलियां बना लें और इन्हें भुना लें। इस प्रकार तैयार पंचमेवा पाग को लड्डू गोपाल के सामने रख दें।
इन 5 चीजों के अलावा आप लड्डू गोपाल को कुछ और भी चीजें चढ़ा सकते हैं जैसे- पूरी, हलवा, खीर, पनीर, मक्खन, दही, गुलकंद, पान, सुपारी, इलायची, कपूर, धूप, दीप और फूल।
जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल की पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से लेकर 12 बजकर 45 मिनट तक है। इस समय में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-उपासना कर सकते हैं।
जन्माष्टमी व्रत और पूजा विधि
जन्माष्टमी का व्रत भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रखा जाता है, जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इस दिन भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की विशेष पूजा की जाती है। जन्माष्टमी व्रत के नियम और पूजा विधि इस प्रकार हैं:
व्रत नियम
- जन्माष्टमी के एक दिन पूर्व केवल एक ही समय भोजन करते हैं। इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
- व्रत वाले दिन, स्नान आदि से निवृत्त हों।
- पूरे दिन उपवास रखकर, अगले दिन रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी तिथि के समाप्त होने के बाद व्रत कर पारण करें।
पूजा विधि
- सूर्य, सोम, यम, काल, संधि, भूत, पवन, दिग्पति, भूमि, आकाश, खेचर, अमर और ब्रह्मादि को नमस्कार कर पूर्व या उत्तर मुख बैठें।
- जल, फल, कुश और गंध लेकर संकल्प करें ममखिलपापप्रशमनपूर्वक सर्वाभीष्ट सिद्धये श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रतमहं करिष्ये॥
- मध्याह्न के समय काले तिलों के जल से स्नान कर देवकीजी के लिए ‘सूतिकागृह’ नियत करें।
- भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र स्थापित करें, जिसमें देवकी बालक श्रीकृष्ण को स्तनपान कराती हुई हों और लक्ष्मीजी उनके चरण स्पर्श किए हों।
- विधि-विधान से पूजन करें, जिसमें देवकी, वसुदेव, बलदेव, नंद, यशोदा और लक्ष्मी का नाम क्रमशः लेना चाहिए।
- निम्न मंत्र से पुष्पांजलि अर्पित करें:
‘प्रणमे देव जननी त्वया जातस्तु वामनः।
वसुदेवात तथा कृष्णो नमस्तुभ्यं नमो नमः।
सुपुत्रार्घ्यं प्रदत्तं में गृहाणेमं नमोऽस्तु ते।’
इन विधियों का पालन करके भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करके अपनी मनोकामनाएं पूरी की जा सकती हैं। जन्माष्टमी के व्रत और पूजा से ऐश्वर्य, मुक्ति, आयु, कीर्ति, यश, लाभ, पुत्र-पौत्र और मोक्ष प्राप्त होता है।
इस जन्माष्टमी लड्डू गोपाल को इन 5 चीजों का भोग लगाकर उन्हें खुश करें और अपनी मनोकामनाएं पूरी कराएं। जय श्री कृष्ण!