भारतीय शेयर बाजार क्रेश, इन 6 शेयरों में 3 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट
शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली। वैश्विक बाजारों में जारी दबाव और पिछले दो दिनों से बाजार में कमजोरी के कारण आज भी निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा। सुबह 11:15 बजे तक सेंसेक्स 900 अंकों की गिरावट के साथ 81,305 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 264 अंक गिरकर 24,880.35 के स्तर पर आ गया। BSE के टॉप 30 शेयरों में से केवल 4 शेयर ग्रीन जोन में थे और बाकी 26 लाल निशान पर।
प्रमुख शेयरों का हाल
शेयर का नाम | गिरावट (प्रतिशत) | कीमत (रुपये) |
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SBI | 3.37% | 790 |
NTPC | 3% | – |
अडानी पोर्ट | 3% | – |
रिलायंस | 3% | – |
आईटीसी | 3% | – |
HCL | 3% | – |
SBI के शेयर में सबसे ज्यादा 3.37% की गिरावट रही, जिससे यह 790 रुपये पर कारोबार कर रहा है। इसके अलावा, NTPC, अडानी पोर्ट, रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईटीसी, और HCL के शेयरों में भी करीब 3% की गिरावट दर्ज की गई है।
सेक्टरों में गिरावट की स्थिति
सबसे अधिक गिरावट PSU सेक्टर में देखी गई, जो 3% तक नीचे आ गया। इसके बाद, ऑयल एंड गैस सेक्टर भी रिलायंस के कमजोर प्रदर्शन के कारण 2% तक गिरा। इसके अलावा, रीयल्टी, मीडिया, बैंक, और ऑटो सेक्टर में भी गिरावट का दबाव बना हुआ है।
बाजार में प्रमुख गिरावट वाले शेयर
शेयर का नाम | गिरावट (प्रतिशत) |
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वोडाफोन आइडिया | 10% |
इंडस टॉवर | 4% |
जीएमआर एयरपोर्ट | 4% |
कैनरा बैंक | 3.65% |
Bosch | 3.17% |
IOCL | 3.19% |
DLF | 3.12% |
सबसे ज्यादा गिरावट वोडाफोन आइडिया के शेयरों में देखने को मिली, जो 10% गिर गया। इसके अलावा, इंडस टॉवर, जीएमआर एयरपोर्ट, कैनरा बैंक, Bosch, IOCL, और DLF के शेयर भी कमजोर नजर आए।
बाजार में गिरावट के कारण
भारतीय शेयर बाजार में गिरवाट के कई कारण हो सकते है जिसमें से ये कुछ प्रमुख कारणः
- वैश्विक दबाव: अमेरिकी बाजार में उतार-चढ़ाव का असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा है।
- फेडरल रिजर्व की संभावित दरों में कटौती: विशेषज्ञों का मानना है कि फेडरल रिजर्व सितंबर की बैठक में दरों में कटौती करेगा, लेकिन नौकरियों के आंकड़ों के आधार पर कटौती की सीमा तय होगी।
- बोनस शेयर की वजह से गिरावट: रिलायंस इंडस्ट्रीज में बोनस शेयर जारी होने के बाद गिरावट आई है।
- SBI शेयर की सिफारिश: गोल्डमैन सैक्स ने SBI के शेयर को सेल करने की सिफारिश की है, जिसके चलते इसमें बड़ी गिरावट दर्ज की गई।
संभावित सुधार की उम्मीद
हालांकि, विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिकी बेरोजगारी दर और अन्य आर्थिक आंकड़ों के आधार पर बाजार में सुधार की संभावना है। यदि बेरोजगारी दर उम्मीद से अधिक रहती है, तो फेडरल रिजर्व रेट में कटौती कर सकता है, जो बाजार के लिए सकारात्मक संकेत हो सकता है।