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फिल्मों का शौक, 10वीं में मुश्किल से पास, फिर भी बिना UPSC के IPS बने Anil Kumar Rai, बड़ी ही रोमांचक है इसकी सफतला की कहानी

IPS Anil Kumar Rai Success Story: उसे फिल्मों का बड़ा शौक था। जैसे ही कोई नई फिल्म रिलीज होती, वो पहले दिन का पहला शो देखने के लिए सिनेमा हॉल के बाहर खड़ा मिलता। पढ़ाई-लिखाई में उसकी दिलचस्पी नगण्य थी, पर पिता के दबाव के कारण वो स्कूल जाता था। पिता की ख्वाहिश थी कि उनका बेटा पढ़-लिखकर कुछ बड़ा बने। किसी तरह गाँव के जूनियर हाई स्कूल से 8वीं पास कर ली। जब वो 9वीं में पहुंचा, तो पिता को काम के सिलसिले में बाहर जाना पड़ा। अब उसे समझाने या रोकटोक करने वाला कोई नहीं था। नतीजतन, 10वीं में बड़ी मुश्किल से थर्ड डिवीजन के साथ पास हो पाया।

रिश्तेदार ताने मारने लगे कि ये पढ़ाई में कभी सफल नहीं हो पाएगा। आस-पड़ोस के लोग भी मजाक उड़ाते हुए कहने लगे कि इसे पढ़ाना बेकार है। लेकिन उसके पिता को उस पर पूरा भरोसा था। पिता ने उसे अपने पास बुलाया और समझाया कि जीवन में बदलाव लाने के लिए पढ़ाई बहुत जरूरी है। उसके दिल को पिता की बात लग गई और उसने 12वीं सेकंड डिवीजन से पास कर ली। यहीं से उसके करियर की गाड़ी ने रफ्तार पकड़ी और यही लड़का एक दिन बिना यूपीएससी परीक्षा दिए ना केवल आईपीएस अधिकारी बन गया, बल्कि दो बार राष्ट्रपति पुलिस मेडल भी हासिल किया।

पिता का विश्वास और प्रेरणा

ये कहानी है अनिल कुमार राय की, जिन्होंने अपनी मेहनत के बल पर वो कर दिखाया जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी। 12वीं में उनके नंबर कुछ खास नहीं थे, लेकिन पिता का विश्वास उनके साथ था। पिता ने कहा, “यहां तक पहुंच गए हो, अब और आगे पढ़ो,” और उन्होंने अनिल का एडमिशन इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में करा दिया। इंडियन मास्टरमाइंड्स की रिपोर्ट के मुताबिक, उनके पिता जब अनिल को पहले दिन यूनिवर्सिटी के गेट तक छोड़ने आए, तो भावुक हो गए और बोले, “खूब मेहनत करना और जो विश्वास मैंने तुम्हारे ऊपर किया है, उसे सही साबित करके दिखाना।”

यूनिवर्सिटी में सफलता

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में अनिल राय ने अपने पिता के शब्दों को सच साबित किया। उन्होंने 71 प्रतिशत नंबरों के साथ ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। उनके पूरे गाँव में चर्चा होने लगी कि जो अनिल राय 10वीं में मुश्किल से पास हुए थे, वो इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छा गए हैं। लेकिन ये तो बस शुरुआत थी। पोस्ट ग्रेजुएशन के रिजल्ट में अनिल ने पूरी यूनिवर्सिटी में टॉप किया। उन्हें गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। अनिल पीएचडी करना चाहते थे, लेकिन पारिवारिक स्थिति ने उन्हें रिसर्च के लिए लंबा समय देने की इजाजत नहीं दी। उन्होंने यूजीसी स्कॉलरशिप के लिए आवेदन किया, लेकिन 10वीं में कम नंबरों की वजह से स्कॉलरशिप नहीं मिल पाई।

बिना यूपीएससी के बने आईपीएस

यहीं अनिल राय के करियर ने नया मोड़ लिया। उन्होंने पीपीएस की परीक्षा दी और डीएसपी के पद पर सेलेक्ट हो गए। परिवार में खुशी का माहौल था और अनिल ने तय किया कि अब यूपीएससी की परीक्षा देंगे। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। इस बीच उनके पिता का निधन हो गया और परिवार की जिम्मेदारी अनिल के कंधों पर आ गई। यूपीएससी की परीक्षा देने का उनका सपना टूट गया। हालांकि, डीएसपी के पद पर रहते हुए उनके काम ने उन्हें पहचान दिलाई और 2002 में उन्हें आईपीएस कैडर प्रदान किया गया।

मेहनत का फल

अनिल राय उत्तर प्रदेश में बस्ती रेंज के आईजी और पीएसी के डीआईजी भी रहे। उनकी सेवा के लिए उन्हें दो बार राष्ट्रपति पुलिस मेडल मिला। अनिल राय ने साबित कर दिया कि अगर पूरी शिद्दत से मेहनत की जाए, तो कोई भी लक्ष्य हासिल करना मुश्किल नहीं है। संयुक्त परिवार में पले-बढ़े और सरकारी स्कूल में पढ़े अनिल राय पुलिस सेवा में अपनी 35 साल की शानदार नौकरी के बाद अब रिटायर हो चुके हैं। अनिल बताते हैं कि उनके समय में सभी बच्चों को बैठने के लिए घर से बोरा ले जाना पड़ता था और खुद ही क्लासरूम की सफाई करनी पड़ती थी।

इस कहानी से यह साबित होता है कि सच्ची मेहनत और परिवार का समर्थन इंसान को असंभव को संभव बनाने की शक्ति देता है। अनिल राय की जीवन यात्रा प्रेरणा का स्रोत है, जो यह सिखाती है कि कठिनाइयों के बावजूद, आत्मविश्वास और परिश्रम से हर लक्ष्य को पाया जा सकता है।

Jiya

जिया सिंह, एक अनुभवी हिंदी समाचार लेखक हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में करीब 5 साल का एक्सपीरिएंस है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक ऑनलाइन समाचार वेबसाइट से की थी, जहां उन्होंने हिंदी समाचार और बिजनेस समेत कई सेक्शन में काम किया। इन्हें टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और बिजनेस से जुड़ी न्यूज लिखना, पढ़ना काफी पसंद है। इन्होंने इन सभी सेक्शन को बड़े पैमाने पर कवर किया है और पाठकों लिए बेहद शानदर रिपोर्ट पेश की हैं। जिया सिंह, पिछले 1 साल से लोकल हरियाणा पर पाठकों तक सही व स्टीक जानकारी पहुंचाने का प्रयास कर रही है।

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