शर्मनाक! शिक्षक ने छात्रा का पकड़ा हाथ, गुस्साए ग्रामीणों ने जींद स्कूल पर जड़ा ताला
हरियाणा के जींद जिले के खुंगा गांव में एक बेहद चिंताजनक और शर्मनाक घटना सामने आई है। सोमवार, 12 अगस्त 2024 को ग्रामीणों ने यहां के राजकीय स्कूल में जमकर विरोध प्रदर्शन किया और स्कूल के गेट पर ताला लगा दिया। यह विरोध तब शुरू हुआ जब एक छात्रा ने आरोप लगाया कि स्कूल में एक शिक्षक ने उसका हाथ पकड़ लिया। इस घटना से ग्रामीणों में गुस्सा भर गया और उन्होंने तुरंत कार्रवाई की मांग की।
इस घटना ने ग्रामीणों के गुस्से को और बढ़ा दिया, जो पहले से ही स्कूल के शिक्षकों के बीच आपसी खींचतान और छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार की शिकायतों से परेशान थे। ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल में दो गुटों में बंटे शिक्षकों की राजनीति का सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। बच्चों को पढ़ाने के बजाय, ये शिक्षक अपनी राजनीति में उलझे रहते हैं और इसका खामियाजा मासूम छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है।
गांव के सरपंच प्रतिनिधि बलजीत इस मामले को लेकर तुरंत स्कूल पहुंचे और ग्रामीणों के विरोध की जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को दी। ग्रामीणों ने मांग की कि स्कूल के पूरे स्टाफ को बदलकर यहां नया स्टाफ नियुक्त किया जाए, ताकि बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से हो सके। ग्रामीणों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे स्कूल का ताला नहीं खोलेंगे।
घटना के बाद से ग्रामीणों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा। उनका कहना है कि बच्चों द्वारा बताए गए दुर्व्यवहार ने उन्हें इस हद तक मजबूर कर दिया है कि वे स्कूल में शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल उठाने के लिए मजबूर हो गए हैं। छात्राओं ने अपने परिजनों को बताया कि स्कूल में एक शिक्षक द्वारा उनके साथ गलत व्यवहार किया जा रहा है और इसी के चलते उन्होंने यह कठोर कदम उठाया।
ग्रामीणों ने स्कूल के हेडमास्टर पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि हेडमास्टर का स्टाफ पर कोई नियंत्रण नहीं है, और वह स्वयं भी नशे में स्कूल आता है। ऐसे माहौल में बच्चों की पढ़ाई भला कैसे हो सकती है? ग्रामीणों ने मांग की कि स्कूल के हेडमास्टर और स्टाफ को तुरंत प्रभाव से हटाया जाए और नए शिक्षकों को नियुक्त किया जाए, जो बच्चों को बेहतर शिक्षा दे सकें और उनके भविष्य को संवार सकें।
ग्रामीणों के इस कठोर विरोध के कारण स्कूल में पढ़ाई पूरी तरह से ठप हो गई है। स्कूल के गेट पर ताला जड़ने के बाद से छात्र-छात्राएं और उनके परिजन लगातार धरने पर बैठे हैं। उनका कहना है कि जब तक प्रशासन उनकी मांगें नहीं मानता, वे अपना विरोध जारी रखेंगे।
इस पूरी घटना ने प्रशासन को भी सकते में डाल दिया है। हालांकि, अभी तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रशासन उनकी मांगें नहीं मानता, तो वे अपने विरोध को और तेज करेंगे।
वहीं, स्कूल के शिक्षकों के बीच आपसी खींचतान और बच्चों के साथ दुर्व्यवहार की यह घटना निश्चित ही शिक्षा व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। जिस स्कूल में बच्चों को शिक्षा मिलनी चाहिए, वहां अब राजनीति और दुर्व्यवहार का बोलबाला हो गया है। ऐसे में ग्रामीणों का विरोध और उनकी मांगें पूरी तरह से जायज नजर आती हैं।
प्रशासन को अब इस मामले को गंभीरता से लेना होगा और तुरंत प्रभाव से कार्रवाई करनी होगी, ताकि बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो और उन्हें एक सुरक्षित और सकारात्मक माहौल मिल सके। फिलहाल, स्कूल के गेट पर ताला जड़ा हुआ है और ग्रामीणों का विरोध जारी है।