हरियाणा में सरकारी कर्मचारियों के लिए 1 और बड़ा ऐलान, 50 हजार रुपये से अधिक सैलरी वालों को मिलेगा बड़ा लाभ
हरियाणा सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, राज्य में कार्यरत लाखों कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक नई नीति पर काम शुरू कर दिया है। यह जानकारी सोमवार, 12 अगस्त 2024 को मुख्यमंत्री नायब सैनी ने हरियाणा यूनिवर्सिटीज कांट्रेक्चुअल टीचर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से मुलाकात के दौरान दी। इस नई नीति के तहत 50 हजार रुपये से अधिक मानदेय पाने वाले कर्मचारियों की सेवाओं की सुरक्षा की जाएगी।
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने बताया कि प्रदेश सरकार ने पहले ही कौशल रोजगार निगम तथा आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-1 और पार्ट-2 के आधार पर एक लाख 20 हजार कच्चे कर्मचारियों की नौकरी 58 वर्ष तक के लिए सुनिश्चित कर दी है। अब सरकार ने उच्च मानदेय वाले कर्मचारियों के लिए अलग से नीति तैयार करने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है।
इस नई नीति से लाभान्वित होने वाले कर्मचारियों की सूची में विश्वविद्यालयों में कार्यरत 1500 असिस्टेंट प्रोफेसर, 2000 एक्सटेंशन लेक्चरर, 450 पॉलीटेक्निक टीचर, पशु चिकित्सक, जेई, एसडीओ और अन्य तकनीकी विभागों में काम कर रहे करीब 5000 कर्मचारी शामिल हैं। इन कर्मचारियों को इस नीति के तहत बड़ी राहत मिलेगी, जिससे उनकी नौकरी की स्थिरता सुनिश्चित होगी।
हरियाणा यूनिवर्सिटीज कांट्रेक्चुअल टीचर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री निवास पर सीएम नायब सैनी से मुलाकात की और अपनी मांगों को रखा। इनमें सबसे प्रमुख मांग असिस्टेंट प्रोफेसरों की सेवाओं को स्थिरता प्रदान करने के लिए एक अलग नीति बनाने की थी। प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि असिस्टेंट प्रोफेसरों ने मुख्यमंत्री निवास के सामने प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा।
संघ के अध्यक्ष विजय मलिक ने कहा कि असिस्टेंट प्रोफेसरों को उनकी योग्यता, वेतनमान और सेवाकाल के आधार पर नियमित किया जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि उनकी सेवा स्थायिता के लिए एक अलग से नीति बनाई जाए।
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 50 हजार रुपये से अधिक मानदेय वाले कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए अलग नीति बनाई जा रही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि उनकी सरकार किसी भी कर्मचारी का रोजगार नई भर्ती के कारण नहीं छीनेगी और सभी कर्मचारियों को उचित अवसर प्रदान किया जाएगा।
इस बीच, अगर इन मांगों को पूरा नहीं किया गया तो असिस्टेंट प्रोफेसरों ने चेतावनी दी है कि वे बाजू पर काली पट्टियां बांधकर सांकेतिक प्रदर्शन करेंगे। इसके अलावा, 18 अगस्त को सर्व कर्मचारी संघ के नेतृत्व में कुरुक्षेत्र में मुख्यमंत्री कार्यालय का घेराव करने की भी योजना बनाई गई है। विजय मलिक ने कहा कि यदि उनकी मांगों पर कोई कदम नहीं उठाया गया, तो वे इस प्रदर्शन को मजबूरन आयोजित करेंगे।
हरियाणा सरकार की इस नई नीति से कर्मचारियों के लिए नौकरी की स्थिरता सुनिश्चित होगी और इससे राज्य के कर्मचारियों को लंबे समय तक राहत मिलेगी। इस प्रकार की पहल से कर्मचारियों में सरकार के प्रति विश्वास और आशा बढ़ेगी। मुख्यमंत्री की ओर से दी गई आश्वस्ति से कर्मचारियों की चिंता में भी कमी आएगी और भविष्य में इस दिशा में और सकारात्मक कदम उठाए जा सकते हैं।