हरियाणा समेत 3 राज्यों में चुनाव का आज जारी होगा शेड्यूल
आज दोपहर तीन बजे भारत निर्वाचन आयोग एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहा है, जिसमें जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव होगा, इसलिए इस पर सभी की नजरें टिकी हैं। पिछले हफ्ते ही आयोग ने जम्मू-कश्मीर और हरियाणा का दौरा पूरा किया था, जिसके बाद इस घोषणा की संभावना प्रबल हो गई थी।
जम्मू-कश्मीर चुनाव: सितंबर में हो सकता है मतदान
चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में तीन से चार चरणों में मतदान कराए जाने की संभावना है। सितंबर में चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, इसी महीने के अंत तक परिणामों की घोषणा की जा सकती है। यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर का यह पहला विधानसभा चुनाव होगा।
सुरक्षा चुनौती बनी सबसे बड़ी चिंता
जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने में सबसे बड़ी चुनौती सुरक्षा की है। हाल के दिनों में आतंकवादी घटनाओं में अचानक बढ़ोतरी ने प्रशासन की चिंता को और बढ़ा दिया है। चुनाव आयोग के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा की स्थिति को देखते हुए चुनावी कार्यक्रम में बदलाव हो सकता है। इन हालातों में आयोग को यह सुनिश्चित करना होगा कि मतदान प्रक्रिया सुरक्षित और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हो सके।
हरियाणा चुनाव की भी हो सकती है घोषणा
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने की भी संभावना है। हरियाणा में राजनीतिक गतिविधियों ने पहले ही रफ्तार पकड़ ली है, और चुनावी तारीखों की घोषणा के बाद वहां का राजनीतिक माहौल और भी गरमाने की उम्मीद है।
चुनाव आयोग की तैयारियां
भारत निर्वाचन आयोग ने जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में चुनाव कराने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। सुरक्षा बलों की तैनाती, मतदान केंद्रों की पहचान और मतदान प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। सुरक्षा के मद्देनजर, अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती पर भी विचार किया जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव
जम्मू-कश्मीर में इस बार का चुनाव इसलिए भी खास है क्योंकि यह अनुच्छेद 370 हटने के बाद का पहला विधानसभा चुनाव होगा। इस चुनाव के जरिए जम्मू-कश्मीर के लोग अपनी नई सरकार चुनेंगे, जो केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद पहली बार सत्ता में आएगी। चुनाव के परिणाम केवल जम्मू-कश्मीर के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण होंगे।