हरियाणा में मानसून फिर हुआ एक्टिव, 41 शहरों में भारी बारिश का अलर्ट जारी, जानिए किस जिले में कितनी बरसात हुई
हरियाणा में मानसून एक बार फिर से सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग ने पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश को देखते हुए राज्य के 41 शहरों के लिए अलर्ट जारी किया है। आज, 15 अगस्त 2024 को इन सभी शहरों में बादल छाए हुए हैं और कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो रही है। इसके साथ ही 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना भी है। मौसम विभाग ने भिवानी, तोशाम, भवानी खेड़ा, हांसी, हिसार, नारनौंद, बराडा, जगाधरी, छछरौली, नारायणगढ़ और पंचकूला में आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी भी दी है।
Main Points
41 शहरों में मौसम खराब, अलर्ट जारी
नांगल चौधरी, नारनौल, अटेली, महेंद्रगढ़, कनीना, इंद्री, लोहारू, चरखी दादरी, भिवानी, बावल, रेवाड़ी, कोसली, मातनहेल, झज्जर, बहादुरगढ़, बेरी खास, सांपला, रोहतक, आदमपुर, नारनौंद, फतेहाबाद, रादौर, मेहम, जुलाना, जींद, नरवाना, अंबाला, कालका, बराडा, जगाधरी, छछरौली और नारायणगढ़ में भी मौसम खराब होने की स्थिति है। इन शहरों में बादल छाए हुए हैं और हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इसके चलते लोगों को घर से बाहर निकलने में सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
कहां कितनी हुई बारिश
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 15 अगस्त 2024 को सबसे ज्यादा बारिश महेंद्रगढ़ में दर्ज की गई, जहां वर्षा का आंकड़ा 22.5 एमएम तक पहुंच गया। इसके अलावा जींद में 20.5 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। वहीं, अंबाला, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, पानीपत और पंचकूला जिलों में हल्की बूंदाबांदी हुई। अन्य जिलों में बारिश नहीं हुई, हालांकि बादल छाए रहे, जिससे मौसम सुहाना बना रहा।
अगस्त में मेहरबान हुआ मानसून
अगर अगस्त महीने के आंकड़ों पर नजर डालें, तो हरियाणा के 22 जिलों में पहले 10 दिनों में सामान्य से 42% अधिक बारिश हो चुकी है। आमतौर पर इस अवधि में 53.9 एमएम बारिश होती है, लेकिन इस बार 76.7 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। हालांकि, कुछ जिलों जैसे फतेहाबाद, हिसार, कैथल, करनाल, पलवल, पंचकूला, पानीपत में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है।
जुलाई में सूखा पड़ा था हरियाणा
इससे पहले, जुलाई 2024 में हरियाणा में बारिश बेहद कम हुई थी। पिछले 5 वर्षों की तुलना में इस बार जुलाई में सबसे कम बारिश दर्ज की गई। 2018 में 549 एमएम, 2019 में 244.8 एमएम, 2020 में 440.6 एमएम, 2021 में 668.1 एमएम, 2022 में 472 एमएम, और 2023 में 390 एमएम बारिश हुई थी, जबकि 2024 में केवल 97.9 एमएम ही बारिश रिकॉर्ड की गई।
किसान हो रहे हैं प्रभावित
जुलाई महीने में बारिश कम होने के कारण राज्य के धान किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। उन्हें फसल की सिंचाई के लिए ट्यूबवेल का सहारा लेना पड़ा, जिससे उनकी लागत बढ़ गई है। अब अगस्त में बढ़ी हुई बारिश से किसानों को थोड़ी राहत मिली है, लेकिन जुलाई की कमी पूरी करने में वक्त लगेगा।
आकाशीय बिजली से रहें सावधान
मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार, राज्य के कुछ क्षेत्रों में आकाशीय बिजली गिरने की आशंका है। लोगों से अपील की गई है कि वे खराब मौसम में बाहर न निकलें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। विशेषकर बिजली के खंभों और पेड़ों के नीचे खड़े होने से बचें।