INLD and BSP Candidate List 2024: इनेलो-बसपा गठबंधन ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट की घोषणा, जाने किसे मिला कहां से टिकट
मंगलवार, 27 अगस्त 2024 को हरियाणा में इनेलो-बसपा गठबंधन ने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की। इस लिस्ट में चार उम्मीदवारों का नाम शामिल है। यमुनानगर जिले की जगाधरी सीट से दर्शन लाल खेड़ा, करनाल जिले की असंध सीट से गोपाल सिंह राणा, अंबाला जिले की नारायणगढ़ सीट से हरबिलास सिंह और महेंद्रगढ़ जिले की अटेली सीट से ठाकुर अत्तर लाल को चुनावी मैदान में उतारा गया है।
Main Points
गठबंधन की पृष्ठभूमि
इनेलो और बसपा के बीच जुलाई में गठबंधन हुआ था। इस गठबंधन के तहत, बसपा को 90 में से 37 सीटों पर और इनेलो को 53 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का अधिकार दिया गया। इस बार मुख्यमंत्री का चेहरा अभय चौटाला को बनाया गया है।
उम्मीदवारों की जानकारी
- दर्शन लाल खेड़ा: यमुनानगर जिले की जगाधरी सीट से उम्मीदवार हैं।
- गोपाल सिंह राणा: करनाल जिले की असंध सीट से चुनाव लड़ेंगे। वे पानीपत के निवासी हैं और 2017 में बसपा में शामिल हुए थे।
- हरबिलास सिंह: अंबाला जिले की नारायणगढ़ सीट से उम्मीदवार हैं। उन्होंने हाल ही में जेजेपी छोड़कर बसपा जॉइन किया है।
- ठाकुर अत्तर लाल: महेंद्रगढ़ जिले की अटेली सीट से चुनावी मैदान में हैं।
हरबिलास सिंह ने केवल दो दिन पहले ही जेजेपी छोड़ी थी और रविवार को बसपा में शामिल हुए थे। उनके लिए यह टिकट मिलना एक महत्वपूर्ण कदम है।
इनेलो की स्थिति
इनेलो ने भी दो उम्मीदवारों की घोषणा की है, लेकिन उनकी औपचारिक लिस्ट अभी जारी नहीं की गई है। बहादुरगढ़ सीट से पूर्व विधायक स्वर्गीय नफे सिंह राठी के बेटे जितेंद्र राठी को उम्मीदवार बनाया गया है। इसके अलावा, अभय चौटाला के दो सीटों से चुनाव लड़ने की चर्चा भी चल रही है।
चुनावी वादे
गठबंधन के दौरान, दोनों पार्टियों ने यह वादा किया है कि यदि उनकी सरकार बनती है, तो हर घर से एक पढ़े-लिखे युवा को सरकारी नौकरी दी जाएगी। इसके अलावा, राज्य में पीने का पानी और हर महीने गैस का एक सिलेंडर मुफ्त में दिया जाएगा। बुढ़ापा पेंशन को 3000 से बढ़ाकर 7500 रुपए करने का भी वादा किया गया है।
पिछले चुनावों का प्रदर्शन
पिछले विधानसभा चुनाव में, इनेलो ने 90 में से 81 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन केवल एक सीट पर जीत हासिल की थी। उस चुनाव में इनेलो को 2.44 फीसदी वोट मिले थे। दूसरी ओर, बसपा ने 87 सीटों पर चुनाव लड़ा और एक भी सीट नहीं जीत पाई, उन्हें 4.21 फीसदी वोट मिले थे।
राजनीतिक विश्लेषण
इस गठबंधन का राजनीतिक महत्व काफी है। हरियाणा में इनेलो और बसपा का एक लंबा इतिहास रहा है, लेकिन पिछले चुनावों में दोनों पार्टियों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था। अब, नए उम्मीदवारों के साथ, दोनों पार्टियाँ एक नई रणनीति के तहत चुनावी मैदान में उतर रही हैं।गठबंधन का यह कदम भाजपा के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बनाने की कोशिश भी हो सकती है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर इनेलो और बसपा एकजुट होकर चुनाव लड़ते हैं, तो यह भाजपा के लिए चुनौती बन सकता है।