हरियाणा में ब्राह्मण समाज ने लिया ऐतिहासिक फैसला, मृत्यु भोज और दहेज प्रथा पर लगाया प्रतिबंध
समस्त ब्राह्मण समाज ने मृत्यु भोज और दहेज प्रथा पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। यह निर्णय 4 अगस्त 2024 को पानीपत के एसडीवीएम सिटी में आयोजित एक प्रदेश स्तरीय सम्मेलन में लिया गया। इस सम्मेलन का आयोजन पानीपत जिलाध्यक्ष सतीश शर्मा ने किया। इसमें 16 जिलों के प्रधानों ने भाग लिया और करीब तीन घंटे तक बैठक चली।
Main Points
सम्मेलन का उद्देश्य
इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य समाज में दहेज प्रथा और मृत्यु भोज को समाप्त करना था। प्रधान सतीश शर्मा ने कहा कि इन पर प्रतिबंध लगाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि समाज के लोग अब मृत्यु भोज नहीं करेंगे और शादी में एक रुपये का दान लिया जाएगा। यह निर्णय समाज के लोगों की एकजुटता को दर्शाता है।
कार्यकारिणी का गठन
इस मुद्दे पर चर्चा के बाद, एक प्रदेश स्तर की कार्यकारिणी का गठन करने का निर्णय लिया गया। यह कार्यकारिणी सभी जिलों से एक-एक सदस्य को शामिल करके बनाई जाएगी। जल्द ही प्रदेशाध्यक्ष और कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा। यह समिति अपने सभी फैसले खुद लेगी।
राजनीतिक अधिकार की मांग
सम्मेलन में राजनीतिक अधिकारों की भी मांग की गई। ब्राह्मण समाज ने विधानसभा की 20 से 22 सीटों को ब्राह्मण बहुल बताया और कहा कि वे सबसे अधिक टिकट देने वाले दल का समर्थन करेंगे। सतीश शर्मा ने यह भी कहा कि राजनीतिक दलों ने अब तक समाज का शोषण किया है और उन्हें केवल वोट लेने तक सीमित रखा गया है।
समाज के भविष्य की दिशा
इस सम्मेलन में उपस्थित नेताओं ने समाज को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से मजबूत बनाने के लिए अलग-अलग विंग बनाने का निर्णय लिया। ये विंग प्रदेशाध्यक्ष की देखरेख में काम करेंगी। इस दौरान ब्राह्मण सभा झज्जर के महासचिव संत शर्मा, रोहतक के प्रधान नरेश गौड़, गुरुग्राम से डीपी कौशिक, हिसार से सुरेश शर्मा, राजकुमार, कैथल से विजय और अंबाला से चंद्र मोहन शुक्ला भी मौजूद रहे।