हरियाणा चुनाव 2024: क्या बदल सकती है वोटिंग की तारीख? चुनाव आयोग की बड़ी अपडेट
हरियाणा में 2024 के विधानसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है। राज्य की सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में टिकट आवंटन को लेकर गहन मंथन चल रहा है। इस बीच, 24 अगस्त 2024 को हरियाणा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडोली ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर वोटिंग की तारीख बदलने की अपील की है। बडोली का मानना है कि लगातार छुट्टियों की वजह से वोटिंग फीसद कम हो सकता है, जिससे चुनाव के परिणामों पर भी असर पड़ सकता है।
बीजेपी अध्यक्ष ने दी ये दलील
मोहनलाल बडोली ने पत्र में उल्लेख किया है कि 1 अक्टूबर को हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तारीख निर्धारित की गई है। लेकिन इसके पहले और बाद में छुट्टियों का लंबा सिलसिला है। उन्होंने बताया कि 28 सितंबर को शनिवार है, 29 सितंबर को रविवार है, और फिर 2 अक्टूबर को गांधी जयंती की छुट्टी है। इसके अलावा, 3 अक्टूबर को अग्रसेन जयंती का अवकाश है। ऐसे में 6 दिनों का लंबा वीकेंड बन रहा है, जिससे कई लोग छुट्टियों पर जा सकते हैं, और इसका सीधा असर वोटिंग प्रतिशत पर पड़ सकता है।
वोटिंग फीसद में गिरावट से बीजेपी को हो सकता है नुकसान
बडोली ने इस संभावना को भी जताया कि कम वोटिंग फीसद के कारण बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। उनका कहना है कि चुनाव में अधिक से अधिक मतदाता शामिल हों, यह लोकतंत्र के लिए आवश्यक है। बडोली ने कहा, “हमारी कोशिश है कि मतदान के दिन लोग बड़ी संख्या में अपने मताधिकार का प्रयोग करें, लेकिन इस बार छुट्टियों के चलते मतदान प्रतिशत में कमी आने की संभावना है।”
बीजेपी की बैठक: टिकट आवंटन पर मंथन
इसके साथ ही, बीजेपी ने टिकट आवंटन को लेकर भी गहन मंथन शुरू कर दिया है। 23 अगस्त 2024 को दिल्ली में बीजेपी की एक अहम बैठक हुई, जिसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडोली और चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने भाग लिया। इस बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी के उम्मीदवारों के नामों पर विचार किया गया। चिन्हित नामों को जल्द ही बीजेपी के आला कमान के पास भेजा जाएगा, और 25 अगस्त 2024 को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया जाएगा।
चुनाव आयोग से तारीख बदलने की अपील
मोहनलाल बडोली ने चुनाव आयोग से निवेदन किया है कि 1 अक्टूबर को निर्धारित मतदान की तारीख को बदलकर किसी ऐसे दिन किया जाए, जब लंबी छुट्टियां न हों। इससे ज्यादा से ज्यादा लोग वोटिंग में शामिल हो सकेंगे, और चुनावी प्रक्रिया में जनता की भागीदारी बढ़ सकेगी।