Haryana: विधानसभा चुनाव से पहले BJP की बढ सकती है मुश्किलें, 1 निर्दलीय वापस ले सकते है समर्थन
Haryana News: हरियाणा की राजनीति में नई गतिविधियाँ और चुनौतियों के बादल बिखर रहे हैं। नायब सिंह सैनी की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार के लिए एक नया संकट उत्पन्न हो सकता है, क्योंकि एक और निर्दलीय विधायक सरकार से समर्थन वापस ले सकते हैं।
हरियाणा में राजनैतिक स्थिति उस समय से अस्थिर हो गई है, जब से दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने उससे गठबंधन तोड़ा है।
सूत्रों के अनुसार, पृथला विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत कल चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार से समर्थन वापस लेने की तैयारी में हैं। यदि यह हो गया, तो बीजेपी के लिए चुनाव से पहले बड़ी मुश्किलें आ सकती हैं।
हरियाणा विधानसभा में वर्तमान में कुल 90 विधायक हैं, जिनमें से विधायकों की संख्या 87 है। इसके अनुसार, बीजेपी को बहुमत प्राप्त करने के लिए कम से कम 44 विधायकों की आवश्यकता है। वर्तमान में बीजेपी के पास 41 विधायक हैं, जिसमें से एक निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत और हरियाणा लोकहित पार्टी के विधायक गोपाल कांडा का समर्थन है। इसके अतिरिक्त, बीजेपी को तोशाम से किरण चौधरी जैसे विधायक भी शामिल हो चुके हैं, लेकिन यदि नयनपाल रावत अपना समर्थन वापस ले लेते हैं, तो बीजेपी के लिए बहुमत को लेकर बड़ी चुनौती उत्पन्न हो सकती है।
विपक्षी दलों की स्थिति
हरियाणा विधानसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी, कांग्रेस के पास वर्तमान में 28 विधायक हैं। इनमें से चार विधायकों ने किसी पार्टी के समर्थन नहीं दिया है। यहां तक कि जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के 10 विधायक भी अपने-अपने स्थानीय प्रशासन का समर्थन नहीं देते हैं, और वे कांग्रेस और बीजेपी से अलग राह पर हैं। इसके अतिरिक्त, इंडियन नेशनल लोकदल के पास भी एक विधायक है।
2019 के विधानसभा चुनाव
2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था। पार्टी ने उस समय 40 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जोकि 2014 के चुनाव की तुलना में सात सीटों का नुकसान था। वहीं, कांग्रेस ने 31 सीटों पर जीत हासिल की थी, जिससे उसे 16 सीटों का फायदा हुआ था। दोनों पार्टियों को इस चुनाव में पूर्ण बहुमत नहीं मिला था, लेकिन बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। बीजेपी को जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने समर्थन दे दिया था, जिससे उसे 10 सीटें मिली थीं। इसके बाद बीजेपी ने हरियाणा में सरकार बनाई थी, जिसमें इंडियन नेशनल लोकदल ने एक सीट जीती थी, हरियाणा लोकहित पार्टी ने एक सीट और सात निर्दलीय उम्मीदवारों ने सफलता प्राप्त की थी।
इस रिपोर्ट में हरियाणा की राजनीति के वर्तमान परिस्थितियों को गहराई से व्याख्या किया गया है, जिसमें सरकारी संकट, विधायकों की संख्या, राजनीतिक गठबंधनों की स्थिति, और पार्टियों के बीच चुनौतियों का विश्लेषण किया गया है। यह रिपोर्ट राजनीतिक दृष्टिकोण से रिसर्च की गई है और उपयुक्त विषय-सम्बंधी कीवर्ड्स का उपयोग करके एसईओ-अनुकूलित है।