बीजेपी की चुनाव समिति 2024 लिस्ट में बड़ा उलटफेर, कौन हुआ इन और कौन आउट
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के लिए अपनी प्रदेश चुनाव समिति की लिस्ट जारी की, जो 12 अगस्त 2024 को सार्वजनिक की गई थी। इस लिस्ट में गृह मंत्री अनिल विज का नाम न होने से सियासी गलियारों में हलचल मच गई। विज ने इस फैसले पर खुलकर नाराजगी जाहिर की और सोमवार को दिल्ली पहुंचकर केंद्रीय मंत्री और प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की।
इस मुलाकात के बाद, उसी दिन रात में बीजेपी ने अपनी चुनाव समिति की संशोधित लिस्ट जारी की। नई लिस्ट में विज का नाम 9वें नंबर पर जोड़ा गया है, जो बताता है कि पार्टी ने उनकी नाराजगी को गंभीरता से लिया।
हालांकि, अनिल विज अकेले ऐसे नेता नहीं हैं जिनका नाम प्रारंभिक लिस्ट से गायब था। प्रदेश के जेल और ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह चौटाला का नाम भी सूची में नहीं था। रणजीत सिंह, जो कि हिसार से लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं, इस मुद्दे पर खासे नाराज बताए जा रहे हैं और वर्तमान में अपने घर पर ही बने हुए हैं। उनकी नाराजगी का कारण यह है कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद उन्होंने पार्टी के नेताओं कैप्टन अभिमन्यु और कुलदीप बिश्नोई पर हार का ठीकरा फोड़ा था।
दिलचस्प बात यह है कि कैप्टन अभिमन्यु को इस बार प्रदेश चुनाव समिति में जगह दी गई है, जबकि कुलदीप बिश्नोई को प्रदेश चुनाव समिति और प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति दोनों में शामिल किया गया है। यह निर्णय रणजीत चौटाला के लिए एक और झटका साबित हो सकता है।
वहीं, कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं किरण चौधरी, जो कि पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पुत्रवधू हैं, को भी किसी समिति में जगह नहीं मिली है। किरण चौधरी की राज्यसभा जाने की संभावना थी, लेकिन अब तक भाजपा ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है।
कुरुक्षेत्र से सांसद नवीन जिंदल, जो कि हाल ही में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए थे, भी किसी कमेटी में नहीं शामिल किए गए हैं। उनकी मां सावित्री जिंदल, जो हिसार विधानसभा सीट से विधायक रह चुकी हैं, भाजपा के टिकट की दावेदार थीं। हालांकि, फिलहाल इस सीट से स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता विधायक हैं।
बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में सिरसा सीट पर टिकट काटने के बाद नाराज हुईं सुनीता दुग्गल को इस बार दोनों कमेटियों में जगह देकर शांत करने की कोशिश की है। इससे यह संकेत मिल रहा है कि वह विधानसभा चुनाव में भी पार्टी के लिए अहम भूमिका निभा सकती हैं।
इस लिस्ट में एक और नाम जो चर्चा में है, वह है सुधा यादव का, जो अहीरवाल बेल्ट से ताल्लुक रखती हैं और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की विरोधी मानी जाती हैं। दोनों नेताओं को सूची में शामिल करना एक ऐसा कदम है जो क्षेत्रीय राजनीति में कई समीकरण बदल सकता है। राव इंद्रजीत सिंह ने हाल ही में गुरुग्राम में इको ग्रीन कंपनी के मुद्दे पर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था, जिसे लेकर बीजेपी में अंदरूनी खींचतान भी है।
इस संशोधित लिस्ट के जारी होने के बाद यह साफ हो गया है कि हरियाणा में आगामी चुनावों को लेकर बीजेपी में अंदरूनी राजनीति उफान पर है, जिसमें वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी और उनकी वापसी का खेल जोर-शोर से जारी है।