विनेश फोगाट के वजन विवाद के बाद उठे सवाल: बबीता फोगाट ने बताई बड़ी सच्चाई
पेरिस ओलंपिक-2024 में भारत की महिला पहलवान विनेश फोगाट के मेडल की उम्मीदें उस समय ध्वस्त हो गईं जब वजन ज्यादा होने के कारण उन्हें डिसक्वालिफाई कर दिया गया। इस घटना के बाद विनेश के खिलाफ साजिश होने के आरोप भी लगने लगे। हालांकि, उनकी बहन बबीता फोगाट ने इन आरोपों को खारिज कर दिया और बताया कि विनेश के साथ किसी भी तरह की साजिश नहीं हुई है।
Main Points
विनेश का ओलंपिक सफर
विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक-2024 में 50 किलोग्राम भारवर्ग में कड़ी मेहनत के बाद फाइनल में जगह बनाई थी। वह पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन कर रही थीं और उनका कम से कम सिल्वर मेडल पक्का हो गया था। लेकिन, फाइनल मुकाबले से पहले हुए वजन तौल में उनका वजन 100 ग्राम ज्यादा पाया गया। इसके चलते उन्हें फाइनल मुकाबले से बाहर कर दिया गया, और विनेश का ओलंपिक मेडल जीतने का सपना अधूरा रह गया।
बबीता फोगाट का बयान: “साजिश नहीं, यह खेल का हिस्सा”
विनेश के डिसक्वालिफिकेशन के बाद सोशल मीडिया पर कई सवाल उठाए गए। कुछ लोगों ने कहा कि यह सब विनेश को मेडल जीतने से रोकने के लिए एक साजिश थी। इन आरोपों को खारिज करते हुए बबीता फोगाट ने कहा, “विनेश के खिलाफ किसी भी तरह की साजिश नहीं हुई है। यह खेल का हिस्सा है। मेरे साथ भी 2012 में ऐसा हो चुका है। मैं भी 200 ग्राम वजन ज्यादा होने के कारण एशियन चैंपियनशिप में मैट पर नहीं उतर पाई थी। पहले भी कई खिलाड़ियों के साथ ऐसा हो चुका है। इसमें कोई साजिश नहीं है।”
विनेश का संन्यास और बबीता की अपील
इस घटना के बाद विनेश फोगाट ने कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है। उन्होंने अपने करियर को अलविदा कह दिया है। इस पर बबीता फोगाट ने कहा, “विनेश के इस निर्णय से हम सब दुखी हैं। मैं और मेरा परिवार उनके फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन हम उन्हें मनाने की कोशिश करेंगे कि वह 2028 में होने वाले ओलंपिक खेलों में हिस्सा लें। विनेश ने कठिन परिस्थितियों में भी बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है और उनका अनुभव और प्रतिभा देश के लिए बहुत मूल्यवान है।”
देशवासियों का समर्थन और भविष्य की उम्मीद
विनेश फोगाट के साथ जो कुछ भी हुआ, उससे देश के लोग भावुक हैं और उन्हें पूरा समर्थन दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर उनके लिए समर्थन में कई पोस्ट किए जा रहे हैं। बबीता फोगाट का मानना है कि विनेश को अभी भी बहुत कुछ हासिल करना बाकी है और वह भविष्य में फिर से देश का नाम रोशन कर सकती हैं।