हरियाणा में अनुसूचित जातियों के लिए 20% आरक्षण: जानें कैसे मिलेगा इसका लाभ और क्या हैं अगली योजनाएँ
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 17 अगस्त 2024 को एक महत्वपूर्ण घोषणा की। राज्य मंत्रिमंडल ने अनुसूचित जातियों के लिए सरकारी नौकरियों में 20 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दी है। यह निर्णय हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है। इस फैसले से राज्य में अनुसूचित जातियों के युवाओं को सरकारी नौकरी पाने में मदद मिलेगी।
Main Points
आरक्षण का महत्व
आरक्षण का उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को समान अवसर प्रदान करना है। यह निर्णय उन युवाओं के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है, जो सरकारी नौकरी की तलाश में हैं। अनुसूचित जातियों के लिए 20% आरक्षण का यह कदम उनके सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
मुख्यमंत्री की घोषणा
चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा, “मंत्रिमंडल ने हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है। इसके अनुसार, राज्य में अनुसूचित जातियों के लिए सरकारी नौकरियों में 20 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा।”उन्होंने यह भी बताया कि इस आरक्षण में से 10 प्रतिशत कोटा वंचित अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित किया जाएगा। यह निर्णय उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं।
BC(B) आरक्षण का फैसला
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि मंत्रिमंडल ने BC(B) आरक्षण को मंजूरी दी है। यह रिपोर्ट चुनाव आयोग के पास भेजी जाएगी। इससे पहले, आयोग की रिपोर्ट का सुप्रीम कोर्ट द्वारा विश्लेषण किया गया था।सैनी ने कहा, “हमने आयोग की रिपोर्ट का विश्लेषण किया है। इसके बाद, यह निर्णय लिया गया है कि 20 प्रतिशत आरक्षण में से 10 प्रतिशत वंचित अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित किया जाएगा।”
चुनावों का प्रभाव
इस आरक्षण नीति को विधानसभा चुनावों के बाद लागू किया जाएगा। हरियाणा में विधानसभा चुनाव एक चरण में 1 अक्टूबर 2024 को होंगे। चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, इस मामले में अगली कार्रवाई चुनावों के बाद की जाएगी।मुख्यमंत्री ने कहा, “हम चुनावों के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हमारी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में हरियाणा का विकास किया है। हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि हम तीसरी बार सरकार बनाएंगे।”
सामाजिक प्रभाव
इस निर्णय का सामाजिक प्रभाव भी महत्वपूर्ण होगा। अनुसूचित जातियों के युवा, जो अक्सर नौकरी की तलाश में संघर्ष करते हैं, अब सरकारी नौकरियों में अधिक अवसर प्राप्त कर सकेंगे। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और वे अपने परिवारों का भरण-पोषण बेहतर तरीके से कर सकेंगे।