इस साल का रक्षाबंधन 100 साल में सबसे शुभ! जानें भद्रा काल के बावजूद राखी बांधने का सही समय और विधि
रक्षाबंधन का त्योहार इस साल 19 अगस्त, सोमवार को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा। यह पर्व हर साल श्रावण शुक्ल पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जब बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और सुरक्षा की कामना करते हुए उनकी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं। इस बार भी बहनों में उत्साह तो है, लेकिन भद्रा काल के चलते कुछ चिंताएं भी हैं। अगर आप भी इसी चिंता में हैं, तो चिंता छोड़िए और इस खबर में जानिए राखी बांधने का सही समय और विधि।
Main Points
19 अगस्त को मनाया जाएगा रक्षाबंधन
रक्षाबंधन का त्योहार 19 अगस्त 2024, सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि बहनें पूरे साल इसी दिन का इंतजार करती हैं। रक्षाबंधन पर भाई और बहन के बीच के अटूट प्रेम का प्रतीक है यह रक्षा सूत्र।
भद्रा काल से संबंधित चिंताएं
हालांकि, इस साल भद्रा काल के कारण लोगों में कुछ चिंता देखने को मिल रही है। भद्रा काल को अशुभ माना जाता है और इस दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही होती है। लेकिन ज्योतिषाचार्य डॉ. अरुणेश कुमार शर्मा के अनुसार, इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा काल का पृथ्वी लोक पर कोई प्रभाव नहीं होगा।
19 अगस्त को कब लगेगा भद्रा काल?
ज्योतिषविदों के अनुसार, 19 अगस्त को दोपहर 01:33 बजे तक भद्रा काल रहेगा। लेकिन यह भद्रा पाताल लोक में निवास करेगी, इसलिए इसका पृथ्वी लोक पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इसका मतलब है कि आप पूरे दिन बिना किसी संकोच के राखी बांध सकते हैं।
राहुकाल का ध्यान रखें
रक्षाबंधन के दिन राहुकाल भी रहेगा। इस दिन सुबह 07:31 से 09:08 तक का समय राहुकाल होगा। राहुकाल में किसी भी शुभ कार्य को करने से बचा जाता है, इसलिए राखी बांधने से पहले इस समय का ध्यान रखें।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
राखी बांधने का सबसे अच्छा समय दोपहर 01:46 बजे से शाम 04:19 बजे तक रहेगा। इस समय अवधि में राखी बांधना अत्यंत शुभ होगा। इसके अलावा, शाम को प्रदोष काल में भी राखी बांधी जा सकती है, जो शाम 06:56 बजे से रात 09:07 बजे तक रहेगा।
रक्षाबंधन मनाने की विधि
रक्षाबंधन के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। पूजा की थाल में रोली, चंदन, अक्षत, दही, रक्षा सूत्र और मिठाई रखें। घी का दीपक प्रज्वलित करें और रक्षा सूत्र को पहले भगवान को समर्पित करें। फिर अपने भाई को उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बिठाएं।
अब भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधें, तिलक लगाएं, आरती उतारें और मिठाई खिलाएं। ध्यान दें कि राखी बांधते समय आपका और भाई का सिर ढका होना चाहिए। राखी बांधने के बाद माता-पिता और गुरुजनों का आशीर्वाद लें। अंत में, भाई अपनी बहन को उपहार स्वरूप कुछ शुभ वस्त्र या गहने दे सकते हैं। काले रंग के वस्त्र या नुकीली वस्तुएं उपहार में देने से बचें।
इस रक्षाबंधन का सार
इस रक्षाबंधन पर भले ही भद्रा काल का असर हो, लेकिन पाताल लोक में होने के कारण इसका कोई भी प्रभाव धरती पर नहीं पड़ेगा। इसलिए, इस साल का रक्षाबंधन बिना किसी चिंता के मनाया जा सकता है। सही समय पर राखी बांधें, विधि-विधान से पूजा करें और भाई-बहन के इस पवित्र रिश्ते को और मजबूत बनाएं।