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हाइब्रिड कारों की रजिस्ट्रेशन फीस माफ, 2-4 लाख रुपये सस्ती हुई कारें

नोएडा में हाइब्रिड कारें मानों एक ट्रेंड बन गई हैं। हाइब्रिड कारों के प्रति लोगों के बढ़ते प्यार को देखते हुए योगी सरकार ने 1 जुलाई से हाइब्रिड कारों की रजिस्ट्रेशन फीस माफ कर दी है। इससे इन कारों के दाम घट गए हैं और खरीदारों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। योगी सरकार के इस फैसले के बाद हाइब्रिड कारों की कीमतें 2 से 4 लाख रुपये तक कम हो गई हैं।

प्रदेश की सरकार का कदम सराहनीय

योगी सरकार के इस कदम से पेट्रोल, डीजल और बैटरी से चलने वाली हाइब्रिड कारों की कीमतें कम हो गई हैं। उदाहरण के तौर पर, मारुति की ग्रैंड विटारा की कीमत करीब 2 लाख रुपये और मारुति की इनविक्टो की कीमत करीब 3 लाख रुपये घट गई है। उत्तर प्रदेश में ग्रैंड विटारा और इनविक्टो की एक्स-शोरूम कीमत 10.99 लाख रुपये से 25.21 लाख रुपये के बीच है। वित्त वर्ष 2024-25 में अब तक पूरे उत्तर प्रदेश में हर महीने करीब 100 मजबूत हाइब्रिड कारें बिकी हैं। जबकि अकेले गौतमबुद्ध नगर जिले में हर महीने 30-40 हाइब्रिड कारें बिक रही हैं। इस साल 1 जून से 30 जून तक 97 हाइब्रिड कारों का रजिस्ट्रेशन गौतमबुद्ध नगर जिले में हुआ था, तब तक छूट नहीं मिली थी। छूट मिलने के बाद 9 दिन में ही 62 कारों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है।

पंजीकरण शुल्क में मिलेगी छूट

कार्बन उत्सर्जन शून्य करने की दिशा में केंद्र सरकार के निर्देश पर प्रदेश सरकार ने हाइब्रिड वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के बराबर रखते हुए पंजीकरण शुल्क में छूट देने का निर्देश दिया है। पहले ईवी का पंजीकरण मुफ्त होता था, लेकिन 10 लाख रुपये से कम के स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड वाहनों पर 8 प्रतिशत और इससे अधिक कीमत के वाहनों पर 10 प्रतिशत पंजीकरण शुल्क लगता था। अब यह शुल्क हटने से हाइब्रिड कारों की एक्स-शोरूम कीमतें करीब 10 प्रतिशत तक कम हो गई हैं। पंजीकरण शुल्क माफ करने के फैसले के बाद प्रदेश में मजबूत हाइब्रिड कारों की ऑन-रोड कीमतें 4 लाख रुपये तक कम हो गई हैं।

क्या होती है हाइब्रिड कार?

हाइब्रिड कार ऐसी गाड़ी होती है, जिसमें दो तरीके के इंजन होते हैं। एक पेट्रोल या डीजल इंजन और दूसरा इलेक्ट्रिक इंजन। इस टेक्नोलॉजी को हाइब्रिड कहा जाता है। इसमें दोनों इंजन कार को पावर सप्लाई करते हैं। हाइब्रिड कारें भी दो प्रकार की होती हैं – माइल्ड हाइब्रिड और स्ट्रांग हाइब्रिड। माइल्ड हाइब्रिड कारों में इलेक्ट्रिक मोटर का प्रयोग कम होता है, जबकि स्ट्रांग हाइब्रिड कारों में इलेक्ट्रिक मोटर का प्रयोग अधिक होता है।

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संदीप कुमार, एक अनुभवी हिंदी समाचार लेखक हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में करीब 5 साल का एक्सपीरिएंस है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक ऑनलाइन समाचार वेबसाइट से की थी, जहां उन्होंने ऑटो, टेक और बिजनेस समेत कई सेक्शन में काम किया। इन्हें टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और बिजनेस से जुड़ी काफी न्यूज लिखना, पढ़ना काफी पसंद है। इन्होंने इन सभी सेक्शन को बड़े पैमाने पर कवर किया है और पाठकों लिए बेहद शानदर रिपोर्ट पेश की हैं। संदीप कुमार, पिछले चार 1.5 महीने से लोकल हरियाणा पर पाठकों तक सही व स्टीक जानकारी पहुंचाने का प्रयास कर रहे है।

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