लो जी अब गन्ने के रस से चलेगी कारें, टाटा और सुजुकी ने शुरू किया कारों का निर्माण
भारत में जल्द ही कारें ‘गन्ने के रस’ यानी एथेनॉल से चलने लगेंगी। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस बात की घोषणा की है कि टाटा और सुजुकी ने मिलकर एथेनॉल से चलने वाली कारों का निर्माण शुरू कर दिया है।
एथेनॉल से चलने वाली कारों के फायदे
एथेनॉल से चलने वाली कारों को चलाने के लिए पेट्रोल या डीजल की जरूरत नहीं होगी। इससे पर्यावरण को भी काफी फायदा होगा, क्योंकि एथेनॉल एक प्राकृतिक और नवीकरणीय ईंधन है। इसका उत्पादन गन्ने से किया जाता है।
एथेनॉल से चलने वाली कारों से ड्राइविंग अनुभव भी बेहतर होगा। ये कारें पेट्रोल या डीजल से चलने वाली कारों की तुलना में काफी शांत और सुगम होंगी। इनमें ध्वनि प्रदूषण भी कम होगा।
टोयोटा इनोवा एथेनॉल वर्जन
नितिन गडकरी ने कहा कि टोयोटा इनोवा की एक खास एथेनॉल वर्जन भी लॉन्च की गई है। यह कार 100% एथेनॉल फ्यूल से चलेगी। इससे 40 प्रतिशत तक ईंधन की बचत होगी और 30 प्रतिशत तक कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।
एथेनॉल कारों की कीमत और फीचर्स
एथेनॉल से चलने वाली कारों की कीमत और फीचर्स के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन माना जा रहा है कि ये कारें पेट्रोल या डीजल वर्जन के मुकाबले थोड़ी महंगी हो सकती हैं।
एथेनॉल कारों का भविष्य
नितिन गडकरी का कहना है कि भारत में हर व्यक्ति को एथेनॉल से चलने वाली कार मिलनी चाहिए। इससे पेट्रोल और डीजल की खपत कम होगी और पर्यावरण को भी फायदा होगा।
उन्होंने कहा कि भारत में एथेनॉल की उपलब्धता काफी है। देश में एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। इससे किसानों को भी फायदा होगा।